Champaranya, चंपारण्य राजिम : श्री चंपेश्वर नाथ मंदिर चंपारण्य राजिम

 
वल्लभाचार्य बैठकी छत्तीसगढ़ || चंपारण  || Tourism places near raipur chhattisgarh
 

चंपारण्य : चंपारण छत्तीसगढ राज्य का एक बहुत ही रमणीय एवं प्रसिद्ध स्थल है। जहां पर चम्पेश्वर महादेव जी का मंदिर एवं महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी का प्राकट्य स्थल होने के कारण यहां प्रतिदिन दूर दूर से सैलानी आया करते हैं। महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य के अनुयायी वैसे तो पूरे देश भर में फैले हुए हैं, परंतु ज्यादातर लोग गुजरात एवं महाराष्ट्र में है। विदेशों में जाकर बसे हुए लोग भी जो कि पुष्टि संप्रदाय से ताल्लुक रखा करते हैं उनका भी चम्पारण से नियमित सम्पर्क बना रहता है। चम्पेश्वर महादेव जी के मंदिर में भी बहुत ही प्राचीन शिवलिंग स्थित है जिसमें भगवान शंकर और माता पार्वती जी तथा गणेश जी के स्वरूप विराजित है।

 
 
चंपेश्वर नाथ जी की मंदिर : श्री चम्पेश्वरनाथ जी की मन्दिर चम्पारण नामक गांव मे स्थित है। जिसके दूरी महासमुन्द जिले से लगभग 25 km. है। साथ ही रायपुर शहर से राजीम होते हुए इसकि दुरी क़रीब 55 km. है। चंपारण्य नामक यह स्थल रायपुर जिले के अंतर्गत ही आता है।
 
 

श्री महाप्रभुजी वल्लभाचार्य बैठकी मंदिर : चंपेश्वर महादेव मंदिर एवं श्री महाप्रभु वल्लभचार्य प्रभू बैठक यहां स्थित विशेष एवं अत्यंत आकर्षक है। इस स्थल पर पहुंचने के लिए रायपुर जिले से नियमित बसें चलती रहती है। साथ ही निकटतम रेलवे स्टेशन भी रायपुर में ही स्थित है। चम्पारण को एक और नाम नाम चांपाझर से भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यटन स्थलों कि बात किया जाए एवं चम्पारण का जिक्र ही ना हो ऐसा संभव ही नहीं है। 

 

Wallabhacharya
Wallabhacharya champaran

देशभर के 84 बैठकों में से सबसे प्रमुख बैठक मंदिर : जगद्गुरु की उपाधि से सम्मानित महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी के देशभर में कुल 84 बैठकें हैं। जहां पर उनके द्वारा श्रीमद्भागवत पवित्र गीता का पारायण किया गया था। उनमें से सबसे प्रमुख बैठक मंदिर चंपारण्य को ही माना जाता है। श्रद्धालुओं की ऐसी भी मान्यता है कि महाप्रभु ही के द्वारा अपने पूरे जीवनकाल में तीन बार धरती की परिक्रमा किया गया था।

 
सार जानकारी : चम्पारण स्थल हर तरह की खुबियो को अपने में समेटे हुये है। चाहे वह प्राकृतिक सौन्दर्य़ की बात की जाए या फिर मानव द्वारा निर्मित कलाकृतियों की या फिर मन्दिर ट्रस्ट के लोगों की सेवा की भाव की, ये सभी काबिले तारिफ है। यहां के मन्दिर से जुड़ी हुई कई तरह की प्राचिन कथाएँ है जिनमे से श्री वल्लभ जी के जन्म की कथा अत्याधिक प्रचलित है ।रायपुर से करीब 55 km. पर आरंग रोड पर एक छोटी सी लेकिन बहुत ही प्रसिद्ध गांव जोनदा स्थित है। जहा पर वल्लभ संप्रदाय के संस्थापक संत गुरु वल्लभाचार्य जी का जन्मस्थान पर स्थित है। यहां पर एक बहुत ही सुंदर मंदिर स्थित है जो की इस महान संत के सम्मान मे धार्मिक पवित्रता को बढ़ाने का काम करती है।
 
 
चंपारण्य आने का सही समय : चंपारण्य आने का सबसे सही एवं अच्छा समय है ठंड का मौसम क्योंकि ठंडी का दिन यहां घूमने के लिए बहुत ही सही है। जिससे आप दोपहर के समय भी खिली धूप में आसानी से सारे जगह का भ्रमण कर सकते है। अतः हमारी भी यही राय है की आप ठंड के मौसम में यानी अक्टूबर से मार्च के महीने के बीच ही यहां आने का प्रयास करे। अन्यथा आप यहां किसी अन्य मौसम में भी आना चाहते है तो आप साल भर में किसी भी दिन एवं मौसम में आकर यहां आनंद ले सकते है। 
 
 
Garbhagriha Champaran Temple
Garbhagriha Champaran Temple

 

चंपारण्य कैसे पहुंचें  How to reach Champaran rajim :

सड़क मार्ग द्वारा : रायपुर शहर से केवल 25 km. की दूरी पर अभनपुर एवं वहा से केवल 20 km. की दूरी राजिम स्थित है। राजिम से केवल मात्र 5 km. की दूरी पर चंपारण्य स्थल स्थित है। अतः आप अपने किसी भी साधन मोटर गाड़ी के सहारे सड़क मार्ग द्वारा जा सकते है।

रेल मार्ग द्वारा : नजदीकी रेलवे स्टेशन रायपुर रेलवे स्टेशन है। जहां से ट्रेन के सहारे सीधे राजिम रेलवे स्टेशन पहुंच सकते है। जिसकी दूरी करीब 50km. ही है।

हवाई मार्ग : अगर आप कही दूर दराज प्रदेश से छत्तीसगढ़ में स्थित इस दर्शनीय स्थल के भ्रमण हेतु आना चाहते है तो आपको नजदीकि हवाई अड्डा रायपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा मिलेगा। जहा से आप सड़क एवं रेल मार्ग द्वारा आसानी से चाप्मारण्य पहुंच सकते है।

 

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https://www.cginfo.in/2021/12/Rajivlochan-mandir-rajim-chhattisgarh.html

 

 

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