राम टेकरी मंदिर रतनपुर : Ramtekri Mandir Ratnpur Bilaspur Chhattisgarh : Chhattisgarh Tourism Places And Temple's


Ram Tekri Ratanpur Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से लगभग 25 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 140 किलोमीटर की दुरी पर बिलासपुर से कटघोरा मार्ग पे रतनपुर गाव में स्थित है राम टेकरी | जो पहाड़ पर बनी है, जिसके चलते इसे राम टेकरी के कहा जाता है । यहां पर आने वाले लोगों को भगवान राम माता सीता के साथ विराजमान है दिखाई देती है । कहते है की यह मंदिर मराठाओ के शासन काल में बनवाया गया था। राम टेकरी में भगवान राम, सीता व भगवान हनुमान की खुबसूरत ग्रेनाइट मूर्तिया विराजित है| यह पहाड़ी पर राम - जानकी मंदिर से अपने नाम से व्युत्पन्न है। यहा पर्यटक व श्रद्धालु हर शुभ अवसरों पर इकट्ठा होते है।
राम टेकरी का विवरण ( भूगोल ) :
यह एक अद्भुत मंदिर है जो एक पहाड़ी पर स्थित है और प्रचुर हरियाली से सभी पक्षों से घिरा हुआ है। यह बस रतनपुर के महामाया मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पे मेन रोड पर ही स्थित है, जिसकी यात्रा एक तरह से काफी रोमांचक है। यहा कई अन्य हिंदू देवी देवताओं की मूर्तिया भी है, यहा भगवान विष्णु व काल भैरव को भी देखा जा सकता है। यहा रामटेकरी मंदिर मन को आनंद देने वाली मंदिर है।

पहाड़ों पर है राम टेकरी :
कहा जाता है कि भगवान राम के भक्त होने के कारण मराठा शासको ने इस मंदिर को बनवाया था। भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के समय वे अरण्य में ही थे।
इसलिए इस मंदिर को भी अरण्य के बीच पहाड़ी पर बनाया गया था। प्रदेश का यह सबसे अनूठा व अदभुत मंदिरों में से एक है। जहां पर इतनी ऊंचाई पे प्रभु श्री राम विराजमान है।
राम टेकरी का इतिहास :
कहा जाता है की मराठा शासक बिम्बा जी भी भगवान राम के भक्त थे। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण उन्हीं के शासन काल में हुआ होगा। क्योकि भगवान राम के समक्ष हाथ जोड़े हुए मराठा शासक बिम्बा जी खड़े नजर आते है। इस मंदिर को प्रकृति की सुंदरता के बीच ऊंचे पहाड़ पर बनाया गया था । लोगो को यहा पहुंचकर एक अलग सा सुकून मिलता है।
कयी लोगो का ये भी मानना है की मराठा राजा शिवाजी राव भोंसले ने इस मंदिर का निर्माण किया था।
पुरातन काल में रायपुर व रतनपुर 2 अलग जिले थे :
रतनपुर राज्य व रायपुर राज्य शिवनाथ के उत्तर व दक्षिण में स्थित थे। प्रत्येक राज में स्पष्ट और निश्चित रूप 18 - 18 ही गढ़ होते थे। गढ़ों की संख्या अठारह ही क्यों रखी जाती थी इसका निश्चित पता तो नहीं है परन्तु रतनपुर में सन् 1114 में प्राप्त एक उल्लेख के अनुसार चेदि के हैहय वंशी राजा कोकल्लदेव के 18 पुत्र थे और उन्होंने अपने राज्य को 18 हिस्सों में बाँट कर अपने पुत्रों को दिया था। सम्भवतः उसी वंश परंपरा की स्मृति बनाये रखने को राज को 18 गढ़ों में बाँटा गया। प्रत्येक गढ़ में 7 ताल्लुका व प्रत्येक ताल्लुका में कम से कम 12 गाँव होते थे। इस प्रकार प्रत्येक गढ़ में कम से कम 84 गाव होना अनिवार्य था। ताल्लुका में गाँवों की संख्या 84 से अधिक तो हो सकती थी मगर 84 से कम नहीं हो सकती थी। चूँकि राज्य सूर्यवंशियों का था अतः सूर्य की 7 किरणों व 12 राशियों को ध्यान में रख कर ताल्लुकों और गाँवों की संख्या क्रमशः 7 और कम से कम 12 रखी गईं थी। इस प्रकार सर्वत्र सूर्य देवता का प्रताप झलकता था।
राम टेकरी रतनपुर कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग - रामटेकरी तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क आपको आसानी से मिल जायेगी जिससे आप अपने वाहनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह बिलासपुर जिले से लगभग 25 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |

रेल मार्ग - ram टेकरी से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, बिलासपुर रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 30 किलोमीटर है, जहा से आप बस या ऑटो के माध्यम से यहाँ पहुच सकते है

हवाई मार्ग - राम टेकरी से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, बिलासपुर हवाई अड्डा जो सिमित क्षेत्र के लिए बनाया गया है जिसकी दूरी लगभग 30 किलोमीटर है वही छत्तीसगढ़ की मुख्य हवाई अड्डा रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दुरी लगभग 160 किलोमीटर है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ