April 21, 2025

बादलखोल अभ्यारण्य जशपुर छत्तीसगढ़ : BadalKhol Abhyaran Jashpur Chhattisgarh

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BadalKhol Abhyaran Jashpur Chhattisgarh: बादलखोल नामक वन्य जीवन पार्क छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक वन्‍य जीवन अभयारण्‍य है। बादलखोल वन्‍य जीवन अभयारण्‍य का कुल क्षेत्रफल लगभग 44 प्रतिशत जंगलों से घिरा हुआ है। भारत कुल वन क्षेत्र का 12 प्रतिशत भाग छत्तीसगढ़ में है। ‘बादलखोल वन्‍य जीवन’ विविध प्रजातियों से भरपूर है। छत्तीसगढ़ और बादलखोल वन्‍य जीवन अभयारण्‍य में कुल वन्‍य जीवन की भरमार है और छत्तीसगढ़ इनमें से एक है।

बादलखोल अभ्यारण्य वन विभाग में स्थित है, इस स्थान का क्षेत्रफल 104 वर्ग फिट है, इस स्थान की जलवायु जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए पूरी तरह से अनुकूल है। यह स्थान पूरी तरह से हिल-स्टेशन है इसलिए पर्यटक गर्मियों की छुट्टियों में विशेष रूप से इस स्थान पर आना पसंद करते हैं, यहा अभ्यारन के किनारे वन विभाग द्वारा आवासीय घर भी हैं। जशपुर सड़क मार्ग द्वारा रायगढ़, अंबिकापुर, रांची से जुड़ा हुआ है। बादलखोल अभ्यारण जशपुर-अम्बिकापुर मुख्य मार्ग पर बगीचा ब्लॉक के रास्ते में है। यह बगीचा से लगभग 15 किमी दूर है।

 

महत्‍वपूर्ण प्रजातियाँ: बादलखोल वन्य जीवन अभयारण्य का क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहाँ कई वन्य जीव अपनी रक्षा करते हैं और यहाँ का जैव विविधता बहुत समृद्ध है। इस क्षेत्र में कुछ खास प्रजातियाँ पाई जाती हैं जो न केवल संरक्षण की थीम को मजबूत बनाती हैं बल्कि उनकी मौजूदगी से इस जंगल का महत्व भी बढ़ जाता है। इनमें हिरण, चिंकारा, गेजल और चित्तीदार हिरण जैसी पहुंचाने वाली प्रजातियाँ शामिल हैं। ये जानवर न केवल यहां के पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न हिस्सा हैं, बल्कि इनके बिना जंगल का संतुलन बिगड़ सकता है। हिरण व चिंकारा जैसे जानवर शाकाहारी होते हैं और पेड़-पौधों पर निर्भर रहते हैं, इसलिए इनकी संख्या इस जंगल में बहुत मायने रखती है। ये जानवर प्रवासी या स्थायी रूप से यहां रहते हैं और इनके संरक्षण से ही यहाँ का जैविक तंत्र मजबूत होता है। गेजल और चित्तीदार हिरण जैसी प्रजातियाँ भी इसी विस्तार में पाई जाती हैं, और ये दिखने में सुंदर होने के साथ ही बहुत फुर्तीले होते हैं। इन जानवरों की सुरक्षा के लिए यहाँ कटाई प्रतिबंधित है और गश्त तेज की जाती है। इन सभी जानवरों का संरक्षण हेतु स्थानीय संरक्षण केंद्र तथा वन विभाग लगातार काम कर रहे हैं। इनके संरक्षण से न केवल यह वन्यजीवन संपन्न होता है बल्कि पर्यटकों को भी यहाँ का अनुभव और देखने का सौभाग्य मिलता है। इन जानवरों का अस्तित्व जंगल की विविधता को बनाए रखने में अहम रोल निभाता है और यह स्पष्ट है कि इन प्रजातियों का संरक्षण प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

 

सिमित प्रजातियाँ: बादलखोल वन्य जीवन अभयारण्य में ऐसी कई प्रजातियां पाई जाती हैं जो सिमित है। इन जानवरों के लिए यहाँ का वातावरण काफी अनुकूल है, जिससे ये आसानी से फल-फूल सकते हैं। इनमें प्रमुख प्रजातियां हैं – नील गाय, सांभर, चौसिंघा, स्लॉथ बीयर, जंगली सुअर, भेड़िए और हाइना।
नील गाय इस क्षेत्र का एक बहुत ही आम जानवर है। यह विशाल और मजबूत जानवर घासफासलों में आराम से रहते हैं और पूरे साल पर्यटकों को देखने को मिलते हैं। वैसे सांभर भी यहाँ आसानी से देखे जाने वाले हिरण हैं, जिनके सींग बहुत बड़े होते हैं और वे जंगल की खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं।

 

पक्षीया: बादलखोल वन्यजीवन अभयारण्‍य में कई तरह के पक्षी देखने को मिलते हैं। यहाँ पर मोर, बाज़, कबू्तर, गौरेया, तोते और स्टॉर्क जैसे पक्षी पाए जाते हैं। ये पक्षी यहाँ की हरियाली और शांत माहौल में आराम महसूस करते हैं। मोर का नृत्य और उसकी खूबसूरत चोंच बहुत मुख्य आकर्षण है। बाज़ तेज़ और ताक़तवर उड़ान भरते हैं, ये अपने शिकारी दिमाग के लिए जाने जाते हैं। कबूतर आसानी से दिख जाते हैं और शहरों से लेकर इस जंगल तक ऐसे खामोशी से उड़ते रहते हैं। गौरेया छोटी-छोटी टोली में घूमती है और इनके चहचहाने से माहौल खुशनुमा लगता है। तोते रंग-बिरंगे पंखों के साथ यहाँ के वृक्षों पर मंडराते हैं और जब ये बोलते हैं तो सुनने में मज़ा आता है। स्टॉर्क के लंबे पैर और तेज़ उड़ान भी देखने लायक हैं।

इसके अलावा, यहाँ प्रवासी पक्षी भी आते हैं। सर्दियों में दूर-दूर से जंगली परिंदे यहाँ पहुंचते हैं। ये पक्षी कई अलग-अलग इलाकों से आते हैं और यहाँ का मौसम देख कर ठहर जाते हैं। हल्की ठंडक और शांति के बीच इन प्रवासी पक्षियों का आना इस जंगल की खास बात है। अक्सर आप यहाँ पर तब्बू, बटरफ्लाई जैसी खगोलीय गतिविधियों को भी देख सकते हैं। पक्षियों की यह विविधता और गतिविधि इस जगह को जीवंत बना देती है।

 

बाघ और चीते: बादलखोल वन्य जीवन अभयारण्‍य में खौफनाक जानवर जैसे बाघ और चीते भी रहते हैं। ये जानवर इस जंगल की पहचान हैं और यहां के पर्यावरण का एक खास हिस्सा हैं। बाघ जंगल के सबसे बड़े शिकारी माने जाते हैं, और इनकी मौजूदगी से यह साफ है कि यह क्षेत्र अभी भी जीवित है और स्वस्थ है। चीते भी यहाँ पाए जाते हैं, जो अपने तेज दौड़ने और शिकार करने की जबर्दस्त काबिलियत के लिए जाने जाते हैं। इन दोनों जानवरों की संख्या यहाँ बहुत ज्यादा नहीं है बल्कि सीमित है। इस इलाके में इनकी गिनती खासतौर पर कम है, और इन्हें सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। कई बार इन जानवरों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।

 

 

बायसन: इन अभयारण्‍यों में अनेक दुर्लभ चिडियाँ पाई जाती है और यह पक्षियों को देखने के शौकीन लोगों के लिए एक आदर्श स्‍थान है। कभी-कभार यहा आपको बायसन भी देखने को मिल सकता है।

 

बादलखोल अभ्यारण्य कैसे पहुंचे:
हवाई मार्ग द्रा: जशपुर से निकटतम हवाई अड्डा रांची है। रांची से कोलकाता, दिल्ली, पटना, मुंबई, वाराणसी, लखनऊ और काठमांडू जैसे विभिन्न स्थानों के लिए नियमित उड़ानें हैं।

रेल मार्ग द्वारा: जशपुर से निकटतम रेलवे स्टेशन रांची और अंबिकापुर है। रांची रेलवे स्टेशन जशपुर से लगभग 150 किमी दूर है।  

सड़क मार्ग द्वारा : जशपुर सड़क मार्ग द्वारा रायगढ़, अंबिकापुर, रांची से जुड़ा हुआ है। बादलखोल अभ्यारण जशपुर-अम्बिकापुर मुख्य मार्ग पर बगीचा ब्लॉक के रास्ते में है। यह बगीचा से लगभग 15 किमी दूर है।

 

हमारी राय: बादलखोल अभ्यारण्य एक बहुत ही सुंदर जगह है। यहाँ प्राकृतिक प्यार और शांति दोनों का अनुभव किया जा सकता है। यह अभ्यारण्य अपने हरियाली से भरे जंगलों, मनोरम पहाड़ियों और साफ-सुथरे झरनों के लिए जाना जाता है। यहाँ आप पूरे दिन घूम सकते हैं और शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं। आसपास के जंगल कई तरह के पक्षियों और जानवरों का घर हैं। प्राकर्तिक सौंदर्य के अलावा, यहाँ आप पक्षियों के बारे में अच्छी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। पेड़-पौधे, फूल और जंगल का वातावरण यहाँ की खास पहचान है। यहाँ की सैर करते वक्त मन को बहुत सुकून मिलता है। परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी यह जगह बहुत परफेक्ट है। बच्चे यहाँ खेल-कूद में व्यस्त रह सकते हैं और बड़े भी आराम का एहसास कर सकते हैं। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो यह जगह आपके लिए बहुत खास साबित होगी। शुरुआत में आने वाले लोगों को यहाँ की साफ-सफाई और सुंदरता बहुत आकर्षित करती है। यह जगह नई ऊर्जा और ताजगी का अनुभव कराती है। यहाँ का शांत माहौल और प्राकृतिक सुंदरता आपके दिल को छू लेता है। यह अभ्यारण्य फिर से देखने और यादें बनाने का अच्छा मौका है। यदि आपको हरियाली और प्राकृतिक नजारें पसंद हैं, तो आप यहाँ जरूर आएं।

 

 

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