बंजारी धाम रायपुर :-पूरे देशभर में दुर्गा माता के कई प्रसिद्ध एवं अद्भुत मंदिर हैं। जिनके चमत्कारों का रहस्य शायद ही कोई नहीं जान सकता है, प्रत्येक मंदिर की अपनी अलग अलग तरह की विशेषताएं हैं। जो भक्तों की श्रद्धा उन्हें देवी दर्शन हेतु खींच लाती है। ऐसा ही एक अद्भुत एवं अनोखी मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के बीरगांव रावांभाठा नामक स्थान में स्थित है। यह मंदिर बंजारी माता मंदिर के नाम से पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है। मंदिर में स्थापित मूर्ति के बारे में यह बताया जाता है की यहां हुई खुदाई के दौरान ही यह मूर्ति मिली थी। बंजर जमीन से खुदाई से मिली यह मूर्ति सुपारी बराबर के आकार में स्थापित हुई थी। जिसकी आकृति आज भी प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। यहां स्थापित मूर्ति बंजारा जाति के लोगों की कुलदेवी मानी जाती हैं, इसी कारण यहां स्थापित देवी को बंजारी देवी के नाम से जाना जाता है। साथ ही यह भी बताया जाता है की यह मूर्ति लगभग 500 साल पुरानी है। बंजारी माता से लोगों की काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है। श्रद्धालु यहां अपनी मन्नत मुरादे लेकर आया करते हैं। एवं श्रद्धालुओ की मान्यता है की मां उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यहां पर सच्चे मन से मांगी हुई हर मुरादे माता जरुर पूरी करती है।
History Of Banjari Mata Temple ( इतिहास) :-करीब 500 साल पहले मुगल शासकों के शासन काल में यहां छोटा सा मंदिर हुआ करता था, जो 40 की साल पहले भव्य मंदिर के रूप में प्रतिष्ठापित हुआ। बंजर धरती से प्रकट होने के वजह से माता की प्रतिमा बंजारी देवी के नाम से प्रसिद्ध हुई। देशभर में घूमने वाले बंजारा जाति के लोगों की कुल देवी बंजारी माता को माना जाता है, इसी कारण इस मंदिर में बंजारे पूजा अर्चना किया करते थे। कालांतर में इस मंदिर का नाम बंजारी मंदिर पड़ गया। लेकिन यहां स्थित बंजारी माता की यह मूर्ति बगुलामुखी रूप में होने के कारण तांत्रिक पूजा के लिए विशेष मान्यता है। इस मंदिर में स्वर्ग नरक के सुख एवं यातना को विविध मूर्तियों एवं पेंटिंग के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
नाग नागिन के जोड़े भी आते है माता के आशीर्वाद लेने :- बंजारी माता के दरबार में दर्शन हेतु सिर्फ मानव ही नहीं बल्कि मां से आशीर्वाद पाने के लिए नाग नागिन का जोड़ा भी आते है। मंदिर के पुजारी द्वारा बताया गया कि वें अपने बचपन से अपने पिता के साथ मंदिर की देखरेख कर रहे हैं।उन्होंने यह भी बताया की जिस तरह लोग यहां अपनी मुराद पूरी करने के लिए आते हैं। उसी तरह यहां पर नाग नागिन का जोड़ा भी माता के आशीर्वाद लेने यहां आया करते हैं। बात यहीं खतम नहीं होती है, पहले केवल एक दो सांप के जोड़े ही यहां आते थे, लेकिन अब इनकी संख्या में भी धीर धीरे बढ़ोत्तरी होती जा रही है।
पहले सुपारी के बराबर की आकर की थी ये प्रतिमा, 500 सालों में अब तक इतनी बढ़ गई है आकार, लगातार हो रहे है चमत्कार: Banjari Dham Raipur : Tourism Places Of Chhattisgarh