बिलासपुर हाई कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, बेटी द्वारा शादी के खर्च के लिए अपने अभिभावक की संपत्ति पर किया जा सकता है दावा, जानिए पूरी जानकारी..!



बिलासपुर छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर स्थित हाईकोर्ट के द्वारा अपने आदेश में यह कहा गया है कि हिंदू दत्तक तथा भरण पोषण अधिनियम के तहत अविवाहित बेटी अपनी शादी में होने वाले खर्चों के लिए अभिभावकों पर दावा कर सकती है।


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दरअसल मामला यह है कि भानूराम भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत थे तथा अब वो रिटायर हो गए हैं। उनकी बेटी राजेश्वरी के द्वारा साल 2016 में हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया था। जिसमें यह कहा गया कि पिता को रिटायरमेंट के दौरान लगभग 55 लाख रुपए मिलेंगे। उसने कोर्ट से पिता को उसे कुल 20 लाख रुपए देने के आदेशित करने की मांग किया। तब हाईकोर्ट के द्वारा याचिका खारिज कर दिया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर उसने दुर्ग के फैमिली कोर्ट में भी आवेदन दिया। शादी के लिए 25 लाख रुपए देने की मांग किया। लेकिन वहा भी आवेदन खारिज हो गया।


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वहीं अब 6 वर्ष के बाद अब युवती के पक्ष में हाईकोर्ट के द्वारा यह फैसला दिया गया है। हाईकोर्ट के द्वारा यह भी कहा गया है कि हिंदू दत्तक तथा भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 20 के तहत बच्चों एवं बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी तय की गई है। ऐसे में अविवाहित पुत्री अपनी शादी की खर्च हेतु अभिभावक की संपत्ति पर दावा कर सकती है।


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