हाथियों के दल का सफर जारी : सुरक्षित रहवास ढूंढने निकला हाथियों का दल,दल में दो बच्चे और 7 व्यस्क हाथी बताए जा रहे हैं, The journey of the elephant continues


achanakmar tiger reserve:
अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर से आए हाथियों के दल का सफर जारी है। दल में दो बच्चे और 7 व्यस्क हाथी बताए जा रहे हैं। ये दल अभी कबीरधाम जिले की सीमा से 3 किमी दूर मध्यप्रदेश के वन परिक्षेत्र पूर्व करंजिया में हैं।


रेंज के बीट क्रमांक- 809 सेनगुड़ा के भर्राटोला में हाथियों के दल ने आहार के लिए दुनिया बाई पति सम्हार सिंह गोंड व एक अन्य घर को तोड़ दिया। घर को नुकसान पहुंचाने के बाद कदमताल करते हुए हाथियों के दल ने सोमवार को कक्ष क्रमांक- 802 की तरफ रूख किया। जहां से छग की सीमा महज 3 किमी दूर है।

इसके मद्देनजर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हाथियों का दल वापस छग की ओर कूच कर रहा है। इधर स्थिति को देखते हुए वन विभाग का अमला अलर्ट है। वन परिक्षेत्र पूर्व करंजिया (मप्र) के डिप्टी रेंजर विनोद पाठक की मानें, तो पिछले 9 साल से हाथियों का दल इस रूट पर सफर कर रहा है। अनुमान है कि हाथियों का दल ऐसे नए विचरण क्षेत्र की तलाश में हैं, जो उनके आहार- पानी और बच्चों सहित पूरे दल की सुरक्षा के लिहाज से अनुकूल हो।

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नौ साल में सातवीं बार कबीरधाम पहुंचे गजराज: बीते 9 साल में यह सातवीं बार है, जब हाथियों का दल कबीरधाम जिले विचरण करते पहुंचे हैं। सबसे पहले मार्च 2013 में एक हाथी सिंगपुर बिट क्रमांक 505 में आया था, जो करीब डेढ़ महीने तक घूमता रहा। दूसरी बार 2015 में एक हाथी रुखमीदादर की ओर आया व अचानकमार लौट गया था। तीसरी बार 6 हाथियों का दल भड़गा तक पहुंचा था।

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सितंबर 2019 में रुखमीदादर के पास भी ग्रामीणों ने हाथी देखा था। साल 2020 में जिले के पंडरिया पूर्व वन परिक्षेत्र अंतर्गत कोदवा सर्किल के अंजवाइनबाह बीट में 11 जंगली हाथियों का झुंड देखा गया था। नवंबर 2021 में सर्वाधिक 14 हाथियों का दल जिले के वन क्षेत्र तक पहुंचा। पांच माह पूर्व 16 हाथियों का दल बोड़ला व पंडरिया ब्लॉक के जंगलों में विचरण करते हुए एमपी चले गए थे, जो बाद में लौटकर आए। अब 9 हाथियों का दल आया है।

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