लक्ष्मण झुला महादेव घाट रायपुर छत्तीसगढ़ : Mahadev Ghat Raipur Chhattisgarh : Chhattisgarh Tourism Places,

आदर्श शर्मा 

Lakshman Jhula Raipur Chhatisgarh : वैसे तो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आपको घुमने के लिए कई सारी जगह मिल जाएगी जहा आप घुमने जा सकते है पर आज हम आपको बताने जा रहे है, एक ऐसे जगह की जो वर्तमान में काफी प्रसिद्धि हासिल कर रहा है और लोगो को काफी लुभा रहा है जी हा हम बात करने जा रहे है लक्ष्मण झूले की जिसका लोकार्पण 3 मई 2018 को तत्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिह द्वारा किया गया | यह एक सस्पेंशन ब्रिज है जिसे खारुन नदी के तट पर बनाया गया है I

इस सस्पेंशन ब्रिज को करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। जिस पर चलते हुए झूले में चलने का अहसास होता है। ब्रिज के साथ ही नदी के किनारे गार्डन का निर्माण भी किया गया है जहा पुल से उतर कर लोग सीधे गार्डन में प्रवेश कर सकते है। यह लक्ष्मण झूला रायपुर के साथ-साथ दुर्ग जिले के लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
छह करोड़ की लागत से बनाया गया है पुल :
छत्तीसगढ़ सासन द्वारा 6 करोड़ रुपए की लागत से इस सस्पेंशन ब्रिज को बनाया गया है। जिस पर चलते समय यह हिलता महसूस होता है जिससे झूले में चलने का अहसास होता है।
वही इसी पुल पास नदी किनारे गार्डन का निर्माण भी किया है जहा पुल से उतर कर लोग सीधे गार्डन में प्रवेश कर सकते है। यह लक्ष्मण झुला सिर्फ रायपुर ही नहीं बल्कि दुर्ग जिले वालो के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है इसका प्रमुख कारण है की खारून नदी के उस पार दुर्ग जिला शुरू हो होता है।

पर्यटको को मिलने वाली अन्य सुविधाये :
यहाँ आपको सस्पेंशन ब्रिज बच्चों के लिए माड्यूलर एडवेंचर झूला, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए विशेष तौर पर गोल्फ कार्ट की व्यवस्था। गार्डन में ढाई सौ प्रजाति के पौधे, और नदी के पानी का मजा लेने के लिए छोटे - छोटे नव आपको मिल जायेंगे I
क्या होता है सस्पेंशन ब्रिज :
सस्पेंशन ब्रिज में मुख्यतया दो रस्सी या रसियो के सेट होते हैं, जो दोनों छोरो से जुड़े रहते है और की लटकते रहते हैं जिनसे सारा रास्ता झूलों की तरह प्रतीत होता है। रस्से किसी भी मजबूत नम्य पदार्थ के होते हैं या फिर तार के केबल सर्वोत्तम होते हैं, क्योंकि ये बाकि पदार्थो की तरह खिचकर बढ़ते नहीं। लोहे की जंजीर से झूले लटकाने में सुविधा होती है, किंतु यह केबल की भाँति विश्वसनीय नहीं होती। सन का रस्सा छोटे छोटे पाटों के लिए काम में लाया जा सकता है, किंतु यह उतना टिकाऊ नहीं होता और खिचकर इतना बढ़ जाता है कि परेशानी का कारण होता है। अन्य अच्छा पदार्थ न मिल सकने की दशा में बेत, टहनियों या बाँस की खपचियों से बनी रस्सियाँ भी काम में लाई जाती हैं। जहाँ कश्मीर और तिब्बत के रस्सीवाले पुल ( जिनमें तीन समांतर रस्सियाँ, दो हाथों से पकड़ने के लिए और एक पैर रखने के लिए, थोड़े थोड़े अंतर पर बँधी लकड़ियों के सहारे यथास्थान स्थिर रहती हैं ) यात्रियों के लिए खतरनाक और भयप्रद होते हैं, वहाँ पूर्वोत्तर भारत के हिमालय की घाटियों के बेत के पुल कलात्मक तथा दर्शनीय होते हैं और एक सिरे से दूसरे सिरे तक उनका बेतों का घेरा यात्री में सुरक्षा भाव बनाए रखता है।
ध्रूव

महादेव घाट में पर्यटकों के लिए निर्धारित समय (Mahadev Ghat Raipur Timing) :
लक्ष्मण झूले का लुप्त उठाने आये लोगो के लिए स्थानीय प्रसासन में सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक का समय निर्धारित किया है |

महादेव घाट मे होती है वोटो की रेसिंग :
महादेव घाट लक्षमण झूले में कभी - कभी वोटो की रेसिंग भी होती है जिसे देखने लोग यहा पहोचते है
सानिध्य केशर 


लक्ष्मण झुला महादेव घाट कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग - लक्ष्मण झुला महादेव घाट तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क आपको आसानी से मिल जायेगी जिससे आप अपने वाहनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह झुला राजधानी रायपुर में स्थित है I

रेल मार्ग - लक्ष्मण झुला महादेव घाट से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, रायपुर रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 8 किलोमीटर है |

हवाई मार्ग - लक्ष्मण झुला महादेव घाट से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दूरी लगभग 20 किलोमीटर है |


कुछ सवाल आपसे पूछे जा सकते है आइये हम इनके जवाब जाने :

1. छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सस्पेंशन ब्रिज कहा बनाया गया है ?
उत्तर : छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सस्पेंशन ब्रिज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बनाया गया है ।

2. छत्तीसगढ़ राज्य के पहले सस्पेंशन ब्रिज का क्या नाम है ?
उत्तर : छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सस्पेंशन ब्रिज का नाम लक्ष्मण झुला है।

3. छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सस्पेंशन ब्रिज किस स्थान में बनाया गया है ?
उत्तर : छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सस्पेंशन ब्रिज राजधानी रायपुर में प्रसिद्ध महादेव घाट में खारून नदी के तट पर बनाया गया है ।

4. लक्ष्मण झुला किसके द्वारा शुभ आरंभ किया गया ?
उत्तर : लक्ष्मण झुला तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के द्वारा 3 मई 2018 को शुभ आरंभ किया गया ।

5. लक्ष्मण झुला की बनाने में कितनी लागत आई ?
उत्तर : इस सस्पेंशन ब्रिज को बनाने में करीब 6 करोड़ रुपए की लागत आई

हमारी राय :
अगर आप छत्तीसगढ़ के निवासी है या फिर आप रायपुर के आसपास रहते है तो आपको यहा घुमने जरुर जाना चाहिए या ब्रिज अन्य ब्रिज के मुकाबले अलग प्रतीत होता है, यह स्थान किसी टेलिविशन में दिखाए जाने वाले जगहों से काम नही है यह आप अपने परिवार के साथ भी जा सकते है, हम आपको दावे के साथ कह सकते है की ये जगह आपको बेहद पसंद आयेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ