यहा तो लोगो के साथ चलने लगे मगरमच्छ : जांजगीर-चांपा में घूमता मिला मगरमच्छ, here the crocodile started walking with the people

क्रोकोडाइल पार्क


Janjgir Champa Chhattisgarh: सड़कों पर रविवार देर रात मगरमच्छ का एक बच्चा घूमने निकल पड़ा। स्थानीय लोगों ने देखा तो उसे पकड़ लिया। इसके बाद रात भर उसे अपने घर में ही रख लिया। यह चौंकाने वाला मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा का है। अगले दिन सुबह लोग बच्चे को लेकर क्रोकोडाइल पार्क पहुंचे और उसे छोड़कर आए। वहां पता चला कि मगरमच्छ ने कई अंडे दिए हैं। उनके फूटने पर ये बच्चा घूमने के लिए निकल पड़ा था।

दरअसल, अकलतरा क्षेत्र के कोटमीसोनार गांव में रविवार रात करीब 11.30 बजे लोगों को सड़क पर करीब एक फीट लंबा जीव घूमता दिखाई दिया। नजदीक से देखा तो मगरमच्छ का बच्चा था। इस पर गांव के निवासी दिल सिंह बघेल ने उसे अपने दो-तीन साथियों के साथ पकड़ लिया और घर ले गए। वहां रात भर उसे सुरक्षित रखा। फिर सुबह क्रोकोडाईल पार्क में छोड़ दिया। फिलहाल यहां के लोगों के लिए ये नई बात नहीं है।



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ग्रामीण मगरमच्छ के बच्चे को बर्तन में रखे रहे: ग्रामीण मगरमच्छ के बच्चे को बर्तन में रखे रहे।
कोटमीसोनार गांव में क्रोकोडाईल पार्क स्थापित है। जहां इस मौसम में मगरमच्छ के बच्चे अंडों से बाहर निकलते हैं। फिर सुरक्षा घेरा पार कर पार्क के बाहर निकल जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। बरसात के दिनों में मगरमच्छ के बच्चे बाहर आते हैं और ग्रामीण उन्हें सुरक्षित क्रोकोडाइल पार्क में छोड़ देते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि ऐसा कभी हुआ नहीं कि इनसे कोई नुकसान पहुंचा हो।

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साल 2006 में बनाया गया क्रोकोडाइल पार्क: कोटमीसोना गांव के ज्यादातर तालाबों में पहले मगरमच्छों का अवास था। कई बार लोगों का आमना-सामना भी नहाने के दौरान मगरमछ़ों से हो जाता था। साल 2006 में सरकार ने यहां के तालाबों में बढ़ते मगरमच्छों की संख्या को देखते हुए क्रोकोडाइल पार्क स्थापित किया। अब वहां करीब 400 मगरमच्छ स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं। यह भी बताया जाता है कि चेन्नई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा क्रोकोडाइल पार्क है।

जाने कुछ अनोखी बाते: चंडी माता मंदिर जिला महासमुंद, विकासखंड बागबाहरा के घुंचपाली गाँव में स्थित है। जहाँ सिर्फ तांत्रिक और अघोरियों का बस आना-जाना हुआ करता था

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