छत्तीसगढ़ में 6 सितंबर से 6वीं, 7वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाएं लगाने की तैयारी हो रही है, आवासीय हॉस्टल भी खोले जा सकते हैं


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: 6 सितंबर से अब 6वीं व 7वीं तथा 9वीं और 11वीं की कक्षाएं भी खोले जाने की तैयारी चल रही है। इसका निर्णय पूरी तरह हो चुका है। मुख्यमंत्री बघेल के पास फाइल पहुंच गयी है। कहते हैं मुख्यमंत्री बघेल ने भी स्कूल की शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। इससे पहले दो अगस्त को राज्य सरकार ने पहली से पांचवीं, आठवीं व दसवीं तथा बारहवीं की कक्षाएं लगाने का निर्णय लिया था।


स्कूलों के साथ साथ सभी आवासीय हॉस्टल भी खोले जा सकते हैं। यानी 17 महीनो बाद स्कूल पूरी तरह शुरू हो जाएंगी। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्वीकार किया कि बची कक्षाएं भी खोली जा रही हैं। कैबिनेट बैठक की औपचारिकता अभी बाकी है। प्रदेश में कोरोना का असर अब एक फीसदी से भी नीचे गिर चूका है। अब महीने भर पहले प्रारंभ की गई क्लासेस निर्बाध रूप से चल रही हैं।

स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी है। इसी वजह से शासन से छठवीं, सातवीं, नवमी व ग्यारहवीं की कक्षाएं भी शुरू करने की अनुमति मांगने नोटशीट चलाई गई। डीपीआई डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि अनुमति मिलते ही एसओपी के अनुसार पढ़ाई प्रारंभ हो जाएगी। मालूम हो कि मध्यप्रदेश में भी पूरे स्कूल खोलने पर विचार चल रहा है।

अभी ऐसी हो रही है स्कूल की पढाई
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से शालाओं का संचालन हो रहा है। अंदरूनी इलाकों और गांव में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों को किताबें, भोजन व दूसरी सुविधाएं देने सुरु हो गए हैं। ट्राइबल हास्टल व आंगनबाड़ियों को खोल दिया गया है, ताकि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलता रहे।

एसओपी लागू है
कोविड फ्री ग्राम पंचायतों को प्राइमरी स्कूल खोलने का अधिकार, दो गज दूरी बनाकर रखना, मास्क की अनिवार्यता, स्कूलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति, हाजिरी की अनिवार्यता नहीं, शिक्षकों व स्टाफ के लिए वैक्सीनेशन कैंपेन, स्कूलों का सेनिटाइजेशन, बच्चों और शिक्षकों से स्कूल में लगातार हाथ धुलवाना आदि। ऐसी ग्राम पंचायतें जो पूरी तरह कोविड फ्री हैं। वहां पालकों की अनुमति से आठवीं से बारहवीं तक क्लासें खोलना। यदि मरीज मिला तो स्कूल बंद करना।




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