छत्तीसगढ़ कि प्रमुख व चमत्कारी गुफा, कोटमसर गुफा छतीसगढ़ : Kotumsar Cave Chhattisgarh



Kotumsar Cave Chhattisgarh: कोटमसर गुफा छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर जिले मे जगदलपुर से लगभग 30 किलोमीटर कि दुरी पर कोटमसर नामक गांव में स्थित है। कोटमसर गुफा पर्यावरण पर्यटन में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है, जहा आपको एक गुफा मिलता है जिसके अंदर आप प्रवेश कर सकते है।

कोटमसर गुफा को कोटसर गुफा क्यो कहा जाता है: कोटसर गुफा एक सनी जगह पे स्थित है मानो प्रकति ने इसे छिपा के रखा हो इसी लिए स्थनिय लोग शुरू में इसे गोपांसर गुफा (गोपन = छुपा) नाम से जानते थे, लेकिन वर्तमान में कोटमसर अधिक लोकप्रिय हो गया क्योंकि गुफा ‘कोटमसर’ नामक गांव के पास स्थित है।

कोटमसर गुफा का भुगोल: यह कोलेब नदी की एक सहायक नदी केगर नदी के किनारे स्थित केंजर चूना पत्थर बेल्ट पर गठित एक चूना पत्थर गुफा है। और यह समुद्री स्तर से 560 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। एक पहाड़ी की दीवार में एक लंबवत फिशर गुफा के लिए मुख्य प्रवेश के रूप में कार्य करता है, और वहां से पर्यटकों की सुविधा के लिए गुफा के अंत तक एक ठोस मार्ग बना दिया गया है। गुफा की मुख्य सुरंग कई पार्श्व और नीचे के मार्गों के साथ लगभग 200 मीटर लंबी है। विभिन्न प्रकार के स्लेथोथेम मनोरम दृश्य पेश करते हैं। वायु और जल तापमान क्रमश: 28.25 ± 1.23 और 26.33 ± 0.96 डिग्री सेल्सियस के वार्षिक औसत के साथ अपेक्षाकृत स्थिर है (हवा के लिए रेंज = 25.0-32.7_C; पानी के लिए 22.9-29.3 डिग्री सेल्सियस) ।गुफा मानसून के मौसम में लगातार बाढ़ के अधीन है, जो आम तौर पर जून के मध्य में शुरू होता है और अक्टूबर के मध्य तक जारी रहता है। साइट इस अवधि के दौरान पर्यटकों के लिए बंद है। पूरे साल सीपेज द्वारा खिलाए गए विभिन्न जल पूल भी इस गुफा में मौजूद हैं

गुफाओं में मंगलवार को जाते हैं ग्रामीण: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रक्षेत्र में ऐसी कई गुफाएं हैं जिसमें सिर्फ मंगलवार के दिन ही ग्रामीण प्रवेश करते हैं। कोटमसर के भीतर जिस नई गुफा की बात हो रही है। उसकी जानकारी भी कोटमसर, नागलसर, मांझीपाल, पेदावाडा के ग्रामीणों को बहुत पहले से थी। गाइड रजनीश बताते हैं कि दूसरों की तरह आदिवासी भी अपने देव स्थलों को पवित्र मानते हैं और वहां की शुचिता बनाए रखने हर संभव प्रयास करते हैं। वे अपने तीज त्यौहारों के दिन जाकर देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैैं।

कोटमसर गुफा की खोज कब हुई: कोटमसर की खोज वर्ष 1900 में ग्रामीणों ने की थी। वर्ष 1952 में डा. शंकर तिवारी द्वारा सर्वेक्षण किया गया। यह गुफा आदि मानवों का शैलगृह था। यहां हजारों वर्ष पहले छोड़े गए अनाज (मक्का) केजीवाश्म शोधार्थियों को मिले हैं। यह गुफा 330 मीटर लंबी तथा 20 से 72 मीटर तक चौड़ी है। इनकी दीवारों पर हाथी की सूंड सी रचनाएं हैं। ये गुफा अनेक मिथकों को भी समेटे हुए है, इसलिए इसे जानने की उत्सुकता लोगों में वर्षों से रही है। कोटमसर के भीतर और कई लंबी गुफाएं हैं। इनके भीतर अब तक मनुष्यों की पहुंच नहीं हो पाई है।

कांगेर में बायोस्फियर रिजर्व भी: कांगेर घाटी प्रसिद्ध जनजातीय संस्कृति से भी समृद्ध है। जिला मुख्यालय जगदलपुर से इसकी दूरी 27 किमी है। इसे जुलाई 1982 में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। इसके अनछुए वनों को देखकर ही इसे जीवमंडल (बायोस्फियर) रिजर्व भी घोषित किया गया है।

यहां चित्रकोट, तीरथगढ़ जैसे जलप्रपात भी है:
चित्रकोट जलप्रपात: यह जगदलपुर शहर से 38 किमी दूर इंद्र्रावती नदी पर स्थित है। यह जलप्रपात घोड़े के नाल के आकार का है। इसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। यह मानसून के दौरान अपने चरम पर होता है। चित्रकोट जलप्रपात बहुत खूबसूरत है और पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। सघन वृक्षों एवं विंध्य पर्वतमालाओं के बीच स्थित इस जल प्रपात से गिरने वाली विशाल जलराशि पर्यटकों का मन मोह लेती है। हाल ही में यहां पर वेबसीरीज की शूटिंग की गई थी। कई डाक्यूमेंट्री भी बनाई जा चुकी है।

तीरथगढ़ वाटरफाल: कांगेर नदी की सहायक नदी मुनगा और बहार नदी में यह झरना स्थित है। यह लगभग 300 फीट ऊंचा है। इसे छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा झरना माना जाता है। यह जलप्रपात पहाड़ी के सीढ़ी नुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है। इस कारण पानी दूधिया दिखाई देता हैं, जो बहुत ही मनमोहक होता है। इसके पास ही मंदिर है जो शिव जी और पार्वती माता को समर्पित है। यहां आने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से फरवरी का होता है। बारिश के मौसम में भीषण गर्जना के साथ यह अपने रौद्र रूप में होता है।

कोटमसर गुफा कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग - कोटमसर गुफा तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क आपको आसानी से मिल जायेगी जिससे आप अपने वाहनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं,

रेल मार्ग - कोटमसर गुफा से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, जगदलपुर रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 30 किलोमीटर है |

हवाई मार्ग - कोटमसर गुफा से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, छत्तीसगढ़ का मुख्य हवाई अड्डा रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दूरी लगभग 300 किलोमीटर है, जहा आपको महा नगरो से हवाई जहाज असानी से मिल जायेगी।

हमारी राय: कोटमसर गुफा पर्यावरणीय प्रेमियो के लिए बेहद ही आकर्षण का केन्द्र है यदि आप किसी प्रचिन जगह जाने की सोच रहे है तो आपको यहा एक बार जरूर जाना क्योकि यहा आपको बड़े बड़े चट्टान, मन में खौफ पैदा करने वाली अंधेरी गुफा व नयाब आकृतिया देखने को मिलती है, जो आपके मन को भायेगी और रोमांचक का अनुभव करायेगी।


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