मिलिए रायपुर की 'कैट मॉम' से : रश्मि कर चुकी हैं 150 घायल बिल्लियों की मदद, इनसे जुड़े अंधविश्वास दूर करने शुरू किया कैट कैफे, Meet Raipur's 'Cat Mom'

Raipur Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में यंगस्टर्स का एक ग्रुप बिल्लियों के लिए काम करता है। मुसीबत में फंसी बिल्लियों को बचाने, उनका इलाज करने और उन्हें रहने की सुरक्षित जगह तक पहुंचाने का पूरा जिम्मा युवाओं ने अपने कंधों पर उठा रखा है। आज वर्ल्ड एनिमल डे पर पढ़िए इन्हीं युवाओं के जज्बे की कहानी।

चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई कर रही रायपुर की रश्मि यादव को बिल्लियों से हमेशा से लगाव रहा है। इसी वजह से अपने दोस्तों के साथ मिलकर रश्मि ने बीते 1 साल में 150 बिल्लियों का रेस्क्यू किया है। इन बिल्लियों को रश्मि की टीम ने एडॉप्शन के जरिए जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाया है जो अब बिल्लियों की देखभाल करते हैं।

100 से ज्यादा यह कैट्स रश्मि की टीम को सड़कों पर घायल मिली ।युवाओं की टीम ने उन बिल्लियों का इलाज कराया अपने शेल्टर में रखा और एडॉप्शन अभियान के तहत लोगों को जागरूक करते हुए बिल्लियों से जुड़े अंधविश्वास खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इको सिस्टम के लिए जरूरी बिल्लियों को खत्म होने से बचा रहे हैं। इन कोशिशों की वजह से रश्मि का नाम कैट मॉम भी पड़ गया है।

कैफे जहां पर्शियन कैट्स करती है लोगों का स्वागत: रश्मि ने अपने दोस्तों आदित्य पांडे, अवीजीत गेदाम, युगल राठौर के साथ मिलकर देवेंद्र नगर इलाके में म्याऊं कैट कैफे के नाम का स्टार्टअप शुरू किया है। यंगस्टर्स का शुरू किया हुआ यह स्टार्टअप बेहद यूनिक है यहां आने वाले लोगों का स्वागत पर्शियन बिल्लियां करती हैं।

रश्मि ने बताया कि समाज में बिल्लियों को लेकर बड़ा अंधविश्वास है कि वह रास्ता काट जाए तो कुछ गलत होगा। जबकि वह उसी तरह चल रही होती है जैसे कि हम, यह बेहद आम सी बात है । बिल्लियों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए हमने यह कैफे शुरू किया है,जहां आम लोग बिल्लियों के साथ कुछ वक्त बिता सकें। यहाँ आ रहे लोगों को हम बिल्लियों के व्यवहार की जानकारी देते हैं।

रश्मि बताती हैं कि कैफे में मौजूद एक दर्जन से ज्यादा पर्शियन कैट्स बेहद मिलनसार और दोस्ताना है । किसी बच्चे की तरह ही मस्ती करती हैं और लोगों के साथ खेलती हैं। कैफे में आने वाले बच्चों को हम बिल्लियों से इंटरेक्ट करवाते हैं ताकि उनके मन में बिल्लियों को लेकर किसी तरह की भ्रांति ना रहे और इन प्राणियों को लेकर समाज की सोच बदले।

कैफे में मौजूद बिल्लियों में सबसे हटकर है सीमेंट: दरअसल इसके रंग की वजह से इसका नाम सीमेंट पड़ गया है । यह प्रदेश में सबसे दुर्लभ बिल्ली है। इस रंग की बिल्ली अमूमन देखने को नहीं मिलती । इसे देखने और इसके साथ वक्त बिताने लोग यहाँ पहुंच रहे हैं।

रश्मि के साथी आदित्य बताते हैं कि हम कैट हॉस्टल भी चला रहे हैं । जहां कैट लवर्स जहां अपने कैट को कुछ दिनों के लिए छोड़ कर जा सकते हैं। हमारे साथ एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम भी है जो इन बेहद संवेदनशील प्राणियों के स्वास्थ्य की देखभाल भी करते है । बहुत से लोग जो शहर से बाहर अपने किसी काम की वजह से जाते हैं वह अपने पेट हमें देते हैं। मुश्किल में फंसी या घायल बिल्लियों की मदद के लिए लोग 8526465555 इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं युवाओं की टीम निशुल्क मदद पहुंचाती है।


Source dainik bhaskar 

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