लो जी हो गया तैयार अपने खुबसूरत रूप में आपका चहिता पर्यटन स्थल : बारिश के चलते खूंटाघाट 65 फीसदी भरा, घोंघा जलाशय और भैंसाझार भी सामिल, Khuntaghat 65 percent due to rain



Khutaghat Ratanpur Chhattisgarh: जिले का सबसे बड़ा खूंटाघाट बांध 10 जुलाई की स्थिति में 65 फीसदी भर चुका है। यह पिछले साल की स्थिति से तो ज्यादा है लेकिन दो साल पहले की इस अवधि में कम है। घोंघा जलाशय अभी 49.24 फीसदी जबकि अरपा भैंसाझार 26 फीसदी ही भरा है। 10 जुलाई की स्थिति में जिले में अब तक 273.4 मिमी बारिश हाे चुकी है। यह पिछले साल से 48.4 मिमी अधिक है। इसका असर जिले के बांधाें में जलभराव पर भी नजर आ रहा है।

पिछले साल से ज्यादा भरा: जिले का सबसे बड़ा खूंटाघाट बांध वर्तमान में 65 फीसदी भर चुका है। खूंटाघाट बांध की कुल जलभराव क्षमता 192.32 मिलियन घन मीटर है, जबकि यह अब तक 125.13 मिलियन घन मीटर भर चुका है। पिछले साल इसी अवधि तक यह 116.59 मिलियन घन मीटर यानी सिर्फ 60.62 फीसदी भरा हुआ था। दो साल पहले अच्छी बारिश हुई थी, तब यह 149.16 मिलियन घन मीटर यानी 77 फीसदी भरा हुआ था। खूंटाघाट बांध में जलभराव पूरी क्षमता से होने पर खेती के लिए बाद में होनी वाली पानी की कमी नहीं होती। खूंटाघाट बांध से 120 से अधिक गांवों में नहरों के जरिए सिंचाई होती है।

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दूसरे बांधों में पानी कम: जिले के दूसरे बांध घोंघा जलाशय और अरपा भैंसाझार में अभी पानी कम है। घोंघा जलाशय में अभी 49 फीसदी और अरपा भैंसाझार में 26 फीसदी पानी भरा हुआ है। घोंघा जलाशय में भी पिछले साल की स्थिति से जलभराव कुछ अधिक है। अरपा भैंसाझार का कैचमेंट एरिया पेंड्रा के आसपास के क्षेत्र तक फैला हुआ है और यह उंचाई पर है। इसलिए उस क्षेत्र में होने वाली बारिश के पानी से जलभराव अधिक होता है।

जाने कुछ अनोखी बाते: चंडी माता मंदिर जिला महासमुंद, विकासखंड बागबाहरा के घुंचपाली गाँव में स्थित है। जहाँ सिर्फ तांत्रिक और अघोरियों का बस आना-जाना हुआ करता था




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