प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। 18 जुलाई को बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक 18 किलोमीटर की पदयात्रा सुबह 7 बजे से शुरू होगी। इस बार श्रद्धालुओं एवं पदयात्रियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए एंबुलेंस को भी तैनात किया गया है। यहां सावन महीने में बड़ी संख्या में लोग पूजा करने पहुंचते हैं। प्रशासन ने इस पदयात्रा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पदयात्रा के लिए रूट मैप भी बनाया गया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गर्भगृह से भगवान के लाइव दर्शन के लिए एलईडी की व्यवस्था की गई है। जिस प्रवेश द्वार पर महिला एवं पुरुष का स्थान रखा गया है। उस द्वार का उपयोग कर भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा बाहर से आने वाले भक्तों के लिए पास में ही रहने की व्यवस्था भी की गई है। प्रशासन से इस आयोजन को सफल बनाने की अपील लोगों से की है।
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