विदित हो कि नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित न हो इसके लिए पूरे साल विभाग जनरल मेंटनेंस करता है। उसके बाद भी विद्युत व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हुआ और बिजली की अघोषित कटौती जारी रही। अब तो ये आलम है कि मौसम का जरा सा मिजाज बदला या फिर बादल गरजा तो बिजली नगर में घँटों गायब हो जाती है। जबकि गाँवों में तो अनिश्चितकाल के लिए बिजली गुल हो जाती है। विद्युत विभाग की इस अघोषित कटौती से जहाँ आम आदमी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं विद्युत आधारित लघु उद्योग एवं अन्य व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रो में तो इस अघोषित बिजली कटौती ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। सिंचाई का अन्य कोई विकल्प नहीं होने की वजह से किसान विद्युत आधारित पंपों से अपने खेतों की सिंचाई करते हैं। अघोषित कटौती की वजह से उनकी सिंचाई व्यवस्था चौपट होने की वजह से खेतों में लगी उनकी फसलें प्रभावित होने लगी हैं। साल भर जनरल मेंटनेंस के बाद भी विद्युत विभाग की इस अघोषित बिजली कटौती से परेशान किसान शंभु गोंड रामविलास राम परमेश्वर सत्यनारायण रघुवीर नरेश समेत नगरवासियों ने कहा है कि अगर समय रहते विभाग व्यवस्था में सुधार नही करती है।तब ऐसी स्थिति में हमे मजबूर होकर व्यवस्था में सुधार हेतु दफ्तर का घेराव करना पड़ेगा।
आंधी को बताया वजह इस संबंध में सहायक अभियंता विद्युत लोकेश नामदेव ने बताया कि आँधी की वजह से पोल क्षतिग्रस्त होने के कारण ऐसा हो रहा है। तेज आँधी की वजह से डगाल भी टूटकर सप्लाई तार को प्रभावित कर देते हैं। जिसकी वजह से बिजली चली जाती है। ऐसी परिस्थिति में युद्धस्तर से काम शुरू करा सप्लाई बहाल कराई जाती है।
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