छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कुछ ऐसा है हाल, एक तिहाई से अभी अधिक बच्चे अपनी ही कक्षा की पुस्तके नहीं पढ़ पाए..!


रायगढ़ छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों के करीब 35 फीसदी बच्चे अपनी ही कक्षा की किताबों को पढ़ पाने में सक्षम नहीं हैं। जिसका पूरा खुलास मिड लाइन टेस्ट से हुआ है। टेस्ट में करीब 1 लाख 42 हजार 216 बच्चे शामिल हुए थे, जिसमें करीब 1 लाख 3 हजार 733 बच्चों के द्वारा हर विषय में 33 फीसदी से भी अधिक अंक प्राप्त किया गया है।


*जुड़े हमारे whatsapp ग्रुप से

 

Students Unable to Read Their Book : हालांकि करीब 38 हजार बच्चे मौजूदा क्लास में पढ़ने के लायक भी नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद अधिकारी अब नवा जतन तथा अन्य कार्यक्रमों के जरिए इनकी गुणवत्ता सुधारने का दावा भी कर रहे हैं।


यह भी पढ़ें : फेसबुक पर दोस्ती, फिर शादी का झांसा दे कर किया रेप, बिलासपुर की छात्रा से पहचान हुई तो कवर्धा से मिलने पहुंचा..! 

दरअसल कोरोना काल में बच्चों की घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई हुई थी। ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता मापने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूलों में बच्चों का बेस लाइन मिडलाइन व इंडलाइन सर्वे करने के निर्देश दिए गए थे। सर्वे के तहत तीसरी, पांचवी, आठवीं तथा 10 वीं के बच्चों की परीक्षाएं ली गईं।


यह भी पढ़े : रतनपुर एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ