कोरबा में शराब के विरोध में महिला मडली एक अलग ही रूप में दिखाई दे रही है : सत्याग्रह पर उतरआयी है, Women's group is seen in a different form in protest against alcohol in Korba


Korba Chhattisgarh:
छत्तीसगढ़ के कोरबा में शराब दुकान हटाने को लेकर महिलाओं और ग्रामीणों का सत्याग्रह जारी है। गांधीवादी तरीके से विरोध कर रही महिलाओं ने गुरुवार को शराब दुकान के बाहर ही भजन-कीर्तन शुरू कर दिया। महिलाएं तो शांतिपूर्वक शराब बंदी की मांग कर रही हैं, लेकिन अब वहां आने वाली शराबी उनका मजा लेने लगे हैं। कई तो महिलाओं से बदसलूकी करने तक से बाज नहीं आए।

दरअसल, रामपुर इलाके में सरकारी देशी शराब दुकान है। जिसे 2 साल पहले शुरू किया गया है। अब इस शराब दुकान का लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। खासकर महिलाओं ने विरोध का अलग ही तरीका अपना लिया है। बुधवार सुबह आस-पास की महिलाएं और रामपुर इलाके में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में शराब दुकान के बाहर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।


प्रदर्शन स्थल पर लगा बोर्ड: महिलाएं बोलीं- अराजकता नहीं फैलने देंगे लोगों के इस विरोध में ना झंडे-बैनर थे, ना नारेबाजी और न डंडे। बल्कि दुकान के बाहर ही महिलाओं ने त्रिपाल लगवा लिया और वहां बैठकर भजन-कीर्तन करने लगीं। महिलाओं का कहना है कि वह यहां अराजकता फैलने नहीं देंगी। हम यहां झांझ-मंजीरा लेकर आए हैं। शांति पूर्वक भजन मंडली बैठी है। हम यहां शासन-प्रशासन को आने के लिए मजबूर करेंगे।



दुकान के बाहर भजन गाती महिलाएं: प्रशासन ने नहीं सुना तो चक्का जाम की चेतावनी
शराब दुकान को बंद कराने की मांग को लेकर महिलाओं का प्रदर्शन जोर पकड़ चुका है। वह पिछले दो दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाएं चाहती हैं कि शराब दुकान जल्द से जल्द बंद हो, जिससे उनके बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बच सके। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो अब सड़क पर उतर कर वह चक्का जाम करेंगी।


एक दिन पहले फूल देकर मांगा था समर्थन: महिलाओं ने मंगलवार को शराब दुकान कर्मचारियों को भी फूल देकर समर्थन मांगा था। इसके बाद जो लोग वहां शराब लेने पहुंचे रहे थे, उन्हें भी गुलाब दिया और उनसे समर्थन मांगने लगीं। कहने लगीं भैया ये शराब बहुत खतरनाक है। हम लोग यहां इस दुकान की वजह से परेशान हैं। आप लोग ही समर्थन कर दीजीए कि दुकान बंद हो जाए। जिसके बाद कुछ शराबी शर्माकर लौट भी गए थे।

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