ताले के निचले तल पर छोटा सा छेद क्यों होता है?, कहीं चोरों की मदद के लिए तो नही बनाई जाती?, General Knowledge and Facts In Hindi


अनोखे तथ्य : शायद आपने कभी ध्यान ही न दिया हो परंतु हर अच्छी क्वालिटी ( उच्च स्तर ) के ताले की निचली तली (निचली सतह) में एक छोटा सा छेद होता है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह छेद क्यों बनाया जाता है। क्या यह चोरों के मदद करने के लिए होता है। जिसकी मदद से वह आसानी से तले को तोड़ सके। या फिर इसके पीछे कोई खास वजह छीपा हुआ है। आइए इसका पता लगाते हैं। 


अभी जुड़े हमारे whatsapp ग्रुप से

यह भी पढ़ें : अपने इंजीनियर पति को छुड़ाने बच्चे को गोद में लिए अकेले नक्शलियों के इलाके चली मर्दानी पत्नी


ताले की खोज कब और किसने किया था? : ताले का इतिहास आज से लगभग 4000 साल से भी पुराना है। दुनिया का सबसे पुराना ताला नीनवे के करीब खोरसाबाद महल के खंडहरों में पाया गया था। समय के साथ तालों का भी काफी विकास होते चला गया नए नए डिजाइन के तालों का निर्माण होता चला गया। यह कहानी काफी लंबी है लेकिन आधुनिक युग में डबल-एक्टिंग पिन टंबलर लॉक का सबसे पहली बार पेटेंट सन 1805 में अमेरिकी चिकित्सक अब्राहम-ओ स्टान्सबरी ने किया था। हम लोग जिस ताले का उपयोग करते हैं उसका आविष्कार अमेरिकी लिनुस येल तथा सीनियर के द्वारा सन 1848 में किया गया था। 


यह भी पढ़े : रतनपुर का इतिहास, जानिए धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल रतनपुर की के बारे में।

तले की तली पर छोटी छेड़ का कारण? : ताला हमेशा घर के बाहर वाले दरवाजे पर चौकीदारी का काम करता है। एक सबसे बड़ी समस्या यह भी होती थी कि बारिश के मौसम में उसमें पानी भर जाता था जिसके कारण अंदर की मशीन में जंग लग जाती थी। ऐसी स्थिति में चाबी होने के बाद भी ताला तोड़ना पड़ता था। इस बड़ी प्रॉब्लम का इंजीनियर्स द्वारा एक सबसे छोटा सलूशन निकाला गया। ताले की निचली सतह पर छोटा सा छेद कर दिया गया। अब ऊपर से पानी भरता है और नीचे से निकल भी जाता है। लॉक में आयलिंग करने हेतु भी नीचे वाले तली पर एक छोटी छेद का उपयोग किया जाता है। 


यह भी पढ़े : चापी जलाशय रतनपुर, तारनपुर स्थित दूसरी लोकप्रिय बांध, जहां कई छत्तीसगढ़ी मूवी की हुई है शूटिंग।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ