आम बजट : केंद्र सरकार के द्वारा आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद एवं बिक्री को कर के दायरे में लाने पर भी विचार कर सकती है। कर (टैक्स) क्षेत्र के एक विश्लेषक के द्वारा यह राय जताई गई है। नांगिया एंडरसन एलएलपी के टैक्स प्रमुख अरविंद श्रीवत्सन द्वारा यह कहा गया कि सरकार आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से अधिक क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री एवं खरीद पर टीडीएस / टीसीएस लगाने को लेकर विचार कर सकती है। साथ ही इस तरह के लेनदेन को विशेष तरह की लेनदेन के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि आयकर विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी को इनकी जानकारी मिल सके।
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साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर गेम शो, लॉटरी, पहेली की तरह 30 प्रतिशत तक की उच्च कर दर से कर लिया जाना चाहिए। श्रीवत्सन द्वारा यह भी कहा गया कि इस समय भारत में सम्पूर्ण विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक लगभग 10.07 करोड़ है, एवं एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारतीय लोगो द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लगभग 24.1 करोड़ डॉलर तक होने का अनुमान है।
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आगामी आम बजट पर उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत करते हुए कहा, कि ‘‘क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने हेतु संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश करने की उम्मीद थी। हालांकि, इसे पेश नहीं किया जा सका, एवं अब उम्मीद है कि केंद्र सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को भी ला सकती है। अगर सरकार के द्वारा भारतीय निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से प्रतिबंधित नहीं किया गया, तो हम उम्मीद रखते हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी हेतु एक प्रतिगामी कर व्यवस्था ला सकती है।’’
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उन्होंने यह भी कहा कि बाजार के आकार, इसमें शामिल राशि तथा क्रिप्टोकरेंसी के साथ के जोखिम को देखते हुए इसके कराधान में कुछ विशेष तरह के बदलाव किए जा सकते हैं, जैसा कि उन्हें स्रोत पर कर कटौती (TDS) एवं स्रोत पर एकत्र कर (TCM) के दायरे पर लाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री एवं खरीद दोनों को ही वित्तीय लेनदेन विवरण (SFT) के दायरे में लाया जाना चाहिए। ऐसा करने से इनकी निगरानी की किया जा सकेगा। श्रीवत्सन द्वारा यह भी कहा गया कि गेम शो, लॉटरी, पहेली आदि की तरह ही पर क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री पर होने वाली आय पर भी 30 प्रतिशत की उच्च दर से कर लगाया जाना चाहिए।
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