स्कूल में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन के बदले चावल खाकर बीमार हुए ग्रामीण, प्लास्टिक की चावल बोलकर लेने से किया इंकार



डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के ग्रामीण इलाकों में मध्यान्ह भोजन के बदले में मिलने वाले चावल को खाने के बाद कई लोगों के बीमार पड़ने की शिकायत सामने आई है। दरअसल डोंगरगढ़ विकासखंड के करीब 100 से भी अधिक प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्कूल में बच्चों को मध्यान्ह भोजन के बदले में घर पहुंचा कर चावल दिया जा रहा है।


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शिक्षा अधिकारीयों का कहना : इस पूरे मामले में डोंगडगढ़ विकासखंड के शिक्षा अधिकारी का यह कहना है कि जो चावल बच्चों को दिया जा रहा है वो गुणवत्ता पूर्वक था बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने हेतु उन्हें प्रोटिनयुक्त चावल दिया जा रहा है, जिसकी कीमत भी सामान्य चावल से लगभग दोगुनी है। इसकी जानकारी भी स्कूल के शिक्षकों को दी गई है कि पूरे गांव गांव जाकर लोगों को इसकी जानकारी दी जाए जिससे लोगों का भ्रम भी दूर हो सके।


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आपको यह भी बता दे की एक माह पहले ग्राम मडियान में भी सोसाइटी से मिलने वाले चावल को ग्रामीणों के द्वारा प्लास्टिक का चावल बताकर लेने से इंकार कर दिया गया था, और अब डोंगडगर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसी ही एक और मामला सामने आया है जिसमे मध्यान्ह भोजन के बदले दिए जाने वाले चावल को प्लास्टिक का बता कर लेने से मना कर दिया गया है।


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