Side Effects of Lockdowns in Chhattisgarh, लॉकडाउन के हल्ले ने बढ़ाए दाम : जरूरी सामान में 5 से 50 रुपए बढ़े, खाने का तेल 100 रुपए महंगा 7 का गुड़ाखू 15 में


Raipur
: रायपुर में फिलहाल रात 10 बजे के बाद से नाइट कर्फ्यू की सख्ती देखने को मिल रही है। मगर दिन का जो वक्त है वो दुकानदार ग्राहकों को लूटने में लगा रहे हैं। अचानक रायपुर की बस्तियों में गुटखे के सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड महंगे हो चुके हैं। कई जगहों पर तो दुकानदार यहां तक कह रहे हैं कि सप्लाई ही नहीं है। रोजमर्रा की कई चीजों के दाम 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक बढ़ चुके हैं। इन सबके पीछे की वजह है लॉकडाउन का हल्ला। हालांकि आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन को लेकर कोई एलान सरकार या प्रशासन ने नहीं किया है।

व्यापारियों के साथ बैठक के बाद 4 दिन पहले प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने स्पष्ट किया था कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने जैसी कोई बात नहीं है। सभी कारखाने और व्यावसायिक काम-काज होते रहेंगे। उन्होंने लॉकडाउन के सवाल पर कह दिया था कि लॉकडाउन की चर्चा ही नहीं है, हम इस वक्त लॉकडाउन की स्थिति में नहीं हैं। बावजूद इसके बाजार में महंगाई आम आदमी को परेशान किए हुए है।

शहर की बस्तियों का हाल: रायपुर के संजय नगर इलाके में किराने की दुकान चलाने वाले सिराज ने बताया कि सबसे ज्यादा बिकने वाला गुटखे का पाउच नहीं मिल रहा। कुछ दुकानों पर इसे 10 से 15 रुपए बढ़ाकर बेचा जा रहा है, फुटकर में 5 रुपए का गुटखा अब 7 रुपए में बिक रहा है।
बोरियाखुर्द में किराने की दुकान चलाने वाले रितेंद्र पांडे ने बताया कि होलसेल में खाने के तेल के दाम बीते दो-तीन दिनों में अचानक बढ़ गए हैं। जो तेल का टीपा 2020 रुपए में मिल रहा था, अब 2100, 2200 के करीब मिल रहा है, होलसेल में ही रेट बढ़ गए हैं तो चिल्हर रेट पर इसका असर पड़ा है।

संतोषी नगर इलाके के दुकानदार रोशन साहू ने बताया कि गुड़ाखू (एक नशीला मंजन) भी मनमाने दाम पर बिक रहा है। इसका रेट भी बढ़ गया है। 7 रुपए में आने वाली छोटी डिबिया 15 से 20 रुपए में बेची जा रही है। आस पास के जिले, धमतरी और महासमुंद में भी इसी तरह के हालत बने हुए हैं।

कालाबाजारी की तैयारी: होलसेल दुकानदारों का ग्रुप ऐसे मौके की तलाश में ही रहता है। लॉकडाउन की खबरों के बीच मार्केट से अचानक कुछ चीजों को गायब कर दिया जाता है। लोग जब मनमाने दाम पर खरीदने को राजी हों तो 5 रुपए की चीज 50 में बेची जाती है। इस बार भी कुछ ऐसी की तैयारी में कारोबारी नजर आ रहे हैं।

ये होनी चाहिए व्यवस्था: YMS यूथ फाउंडेशन के महेंद्र सिंह होरा ने बताया कि लॉकडाउन की अफवाह के बीच चीजों के दाम बढ़ाने की वजह से पिछले साल कलेक्टर ने नगर निगम, नापतौल और खाद्य विभाग के अफसरों की एक टीम बनाई थी, ऐसी शिकायतों पर ये टीम जिले में कार्रवाई कर रही थी। रायपुर में 20 से अधिक दुकानों को सील करने की कार्रवाई भी की गई थी। इस बार अब तक ऐसी व्यवस्था लागू नहीं की गई है इसे जल्द शुरू किया जाना चाहिए।


Source: dainik bhaskar

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