मुख्यमंत्री ने PM मोदी पर साधा निशाना, सत्ता के लिए कितना नीचे गिरेंगे : पीएम के रैली पर सीएम का सवाल


पंजाब में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रुक जाने का बवाल छत्तीसगढ़ राज्य में भी पहुंच गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस पूरी घटना को पंजाब राज्य में कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करने का एक षड्यंत्र बताया। उन्होंने यह भी कहा की प्रधानमंत्री का काफिला उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली में कई बार जाम में फंसा हुआ है। लेकिन इस बार चुनाव सामने है। लोगों की सहानुभूति पाने के लिए जान का खतरा बताया जा रहा है। अब सत्ता की प्राप्ति के लिए पीएम मोदी कितना नीचे गिरेंगे।

राज्य कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा यह कहा गया कि प्रधानमंत्री पूरे देश के लिए हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी से चुनाव जीत के आए हों। उनकी सुरक्षा में चूक कदापि नहीं होनी चाहिए। पंजाब सरकार द्वारा इसकी पूरी व्यवस्था किया था। सरकार को एयरपोर्ट, हेलीपेड एवं आयोजन स्थल की जानकारी भी दी गई थी। इस हेतु पंजाब पुलिस के 20 आईपीएस अधिकारी एवं 10 हजार जवान लगाए गए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा यह भी दावा किया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा बठिंडा से फिरोजपुर तक सड़क मार्ग से जाने का प्लान PM के बठिंडा पहुंच जाने के बाद बताया गया। इतने कम समय में उतने लंबे सड़क मार्ग को घेर पाना किसी भी के लिए संभव नहीं है।

PM मोदी केवल राजनीति करने हेतु गए थे : छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा यह कहा गया की प्रधानमंत्री जी को यह क्यों कहना पड़ गया कि जिंदा लौट पाया। क्या उनकी गाड़ी पर किसी द्वारा पत्थर फेंके गए। या फिर काले झंडे उन्हे दिखाए गए। ऐसा तो कुछ नहीं हुआ। सच तो यह है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा को पंजाब राज्य में एक दलित मुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इन लोगों को पता चल गया है कि पंजाब एवं उत्तर प्रदेश से ये तो साफ होने वाले हैं। ऐसे में ये लोग विशुद्ध प्रकार की राजनीति कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री मोदी जी के जान का खतरा था तो रैली करने ही क्यों गए। खराब मौसम के चलते कई रैलियां रद्द हुई हैं। कोरोना के चलते भी कार्यक्रम रद्द हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ द्वारा कर दिया, प्रियंका गांधी द्वारा कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को तो हर हाल में रैली करनी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा यह भी कहा, PM वहां केवल राजनीति करने के लिए ही गए थे, जो की काफि दुर्भाग्यजनक है।

PMO तथा IB पर खड़े किए सवाल : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा की एजेंसी पर सवाल खड़े किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि जब भाजपा एवं प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा फिरोजपुर रैली का प्रोग्राम बनाया तो मौसम को नजर अंदाज क्यों किया गया। मौसम विभाग सात से आठ दिन पहले ही पूर्वानुमान देता है। मोबाइल में भी इसकी जानकारी मिल जाती है। जब दिल्ली से उड़े तब भी बठिंडा-फिरोजपुर में बरसात हो ही रही थी। तब भी अल्टरनेट व्यवस्था क्यों नहीं किया।

एजेंसियों द्वारा प्रधानमंत्री की जान खतरे में क्यों डाली : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा यह भी कहा गया की यह IB एवं प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों की फेल्योर है। अगर मौसम खराब था तो हेलीकाप्टर से उड़ान भरके जाने की योजना बनाकर प्रधानमंत्री की जान खतरे में आखिर क्यों डाली गई। किसान आंदोलन में पंजाब के सैकड़ों किसान लोग मरे हैं। वहां प्रधानमंत्री मोदी एवं भाजपा के खिलाफ वातावरण है। यह जानते हुए भी प्रधानमंत्री जी सड़क मार्ग द्वारा जाते हैं, और उनका यह फैसला भी अचानक होता है। CM भूपेश बघेल के द्वारा यह पूछा गया कि इस चूक हेतु केंद्रीय एजेंसियों पर क्या कार्रवाई हो रही है।


केंद्रीय मंत्रियों तथा बीजेपी नेताओं की ओर से पंजाब सरकार की बरखास्तगी एवं राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विरोध किया गया। उन्होंने कहा की झीरम घाटी में ताे छत्तीसगढ़ राज्य कांग्रेस की तो एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गई। जहां सुरक्षा दी जानी चाहिए थी वहां तो दी नहीं। तब तो भाजपा की ओर से तत्कालीन राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग नहीं उठी थी। मुख्यमंत्री द्वारा यह भी कहा गया कि यह पूरी यात्रा एक राजनीतिक षड्यंत्र थी। जिस सभा हेतु प्रधानमंत्री जा रहे थे, उस सभा में 700 लोग भी नहीं थे। भीड़ बढ़ने की उम्मीद में प्रधानमंत्री जी सड़क से होकर के गए। 100 km. चल भी चुके थे। तब भी लोग नहीं बढ़े तो वे लौट आए तथा बहाना सुरक्षा में चूक का बनाया। अब पंजाब की कांग्रेस सरकार को बीजेपी द्वारा बदनाम करने का अभियान शुरू हो गया।

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