Covid medicine, कोरोना दवा के नाम पर चूने की गोली सप्लाई करने वाले वितरकों की अब खैर नहीं, तीन राज्यों ने शुरू की जांच


Chhattisgarh
: राज्य में कोरोना की दवा फेविमैक्स-200 के स्पूरियस (घटिया क्वालिटी या चूने गी गोली) मिलने के बाद छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि गुजरात एवं हिमाचल राज्य के ड्रग विभागों ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले का भंडाफोड़ गुजरात में हुई थी एवं वहां हुई जांच में इस दवाई के जून-जुलाई 2021 में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व उत्तरराज्य में सप्लाई के रिकार्ड मिल गए थे। दुर्ग जिले के फरीदनगर में गुजरात के जिस जिस डिस्ट्रीब्यूटर का नाम दवा की सप्लाई में सामने आया, उस तक ड्रग विभाग पहुंच गया है।

लेकिन उसने ड्रग विभाग को लिखित जवाब दिया है कि इस लाॅट की सप्लाई उसी ने की थी, लेकिन उसे भी यह एक बड़े डिस्ट्रीब्यूटर से मिली थी। ड्रग विभाग ने उसे भी नोटिस भेज दिया है, क्योंकि इस दवा की फैक्ट्री कागजी निकली है, इसलिए सबसे पहले डिस्ट्रीब्यूटर से ही राज खुल सकता है कि दवा का लाॅट उसके पास कहां से एवं कैसे आया? असिस्टेंट ड्रग कमिशनर बेनीराम साहू ने भास्कर को बताया कि फेविमैक्स-200 की निर्माता कंपनी मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर का हिमाचल राज्य के भद्दी जिले में अस्तित्व नहीं है, इसलिए मामला तभी स्पष्ट होगा जब सबसे पहले डिस्ट्रीब्यूटर को खोज निकाला जाए। वहीं से पता चलेगा कि दवा कहां से बनाकर पैकेजिंग के बाद उस तक पहुंची। सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर इस मामले की जांच के लिए ड्रग विभाग की एक टीम गुजरात एवं हिमाचल राज्य भी भेजी जा सकती है। इधर, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य में भी कई डाक्टरों ने फेविमैक्स प्रेस्क्राइब की थी एवं लोगों ने खाई भी। उनमें से ज्यादातर हैरान हैं कि कहीं दवाई के नाम पर उन्होंने चूने की गोली तो नहीं खा ली थी।

सभी दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी, कोरोना दवा का रिकार्ड रखना जरूरी: राज्य के फूड एंड ड्रग कंट्रोलर ने फेविमैक्स के स्पूरियस पाए जाने के बाद यहां के सभी दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि कोरोना में बेची जाने वाली हर दवा का रिकार्ड मैंटेन करें एवं अपडेट रखें। उन्हें इस बात का रिकार्ड रखना है कि दवा किस कंपनी की है, पता क्या है एवं सप्लाई पाइंट क्या है? सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे दवा दुकानों एवं होलसेल मार्केट में रैंडम सैंपलिंग करें। डॉक्टरों से संपर्क में रहें, उनसे पूछें कि कौन सी दवा असर नहीं कर रही है।

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