धर्मसंसद में दिए बयान पर और भी फंसते जा रहे है संत कालीचरण महाराज, बीजेपी ने भी मोड़ा मुंह : गांधी जी पर आपत्तीजनक बयान के बाद बीजेपी ने भी कर दिया किनारा

रायपुर : ग्वालियर से कट्टर हिंदूवादी के रूप में पहचाने जाने वाले नेता तथा पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया की हमारे देह के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया सामने आई है। इन दिनों राजनीति में गरमाए मुद्दों में से है धर्मसंसद एवं वहां पर महात्मा गांधी जी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी। पवैया का यह भी कहना है कि धर्म संसद नामक बड़े नाम का उपयोग जब यूं ही किया जाने लग जाए तो कुछ ऐसी ही अराजकता भरी तस्वीर सामने देखने को मिलेगी। पवैया द्वारा यह सवाल खड़े कर दिए गए हैं कि सरकारी रुपयों के माध्यम से इस तरीके से धर्म संसद का आयोजन कराने वाली ताकतें कौन सी है, यह एक ऐसा सवाल जरूर है जिसे जरूर पूछना चाहिए।

महापुरुषों को लेकर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना गलत : जयभान सिंह पवैया के द्वारा यह भी कहा गया कि जब बिना किसी अनुशासन, बिना संगठन एवं एजेंडे के बिना इस तरीके के आयोजन किए जाते हैं तो वहां पर इस तरह की ऊल फिजूल बातें जरूर होती है। साथ ही उनके द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को लेकर धर्म संसद में की गई टिप्पणी को लेकर भी यह कहा है कि मैं उनके द्वारा किए गए टिप्पणी से बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं। हमारे देश के महान महापुरुषों को लेकर ऐसी अपमानजनक टिप्पणी किसी भी देशवासी के लिए शोभा नहीं देता है। फिर चाहे वह कोई आम व्यक्ति हो या फिर कोई सन्त महात्मा। पवैया द्वारा प्रियंका गांधी के द्वारा महिलाओं को सम्मान दिए जाने वाले बयान को लेकर भी तंज कसा गया जिसमे उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी अगर उत्तर प्रदेश राज्य में चुनाव लड़ रही हैं तो वह लड़ती रहे। परंतु पहले मां बेटा एवं बेटी तीनों आपस में बैठकर तो लड़ ले, फिर वह दुनिया से लड़ पाएंगे तथा नारी को सम्मान दे पाएंगे।

मैं महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता : छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित 25 एवं 26 दिसंबर के धर्म सभा संसद में देशभर से कई साधु संत महात्मा शामिल हुए थे। इस दौरान संत कालीचरण महाराज के द्वारा संबोधन करते हुए महात्मा गांधी जी पर आपत्तिजनक बयान दे दिया गया, जिसके बाद से पूरे प्रदेश के कांग्रेस कमेटी के द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए संत कालीचरण महाराज के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई। आरोप है कि कालीचरण महाराज के द्वारा पहले तो सभा में महात्मा गांधी जी पर आपत्तिजनक बयान दिया गया जिसके उसके बाद उनके द्वारा दोबारा एक वीडियो जारी करते हुए अपनी बात फिर से दोहराया गया। रविवार को रायपुर शहर के रावणभाठा के मैदान में आयोजित किए गए धर्म संसद के मंच से कालीचरण महाराज के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को हिंदुस्तान के बंटवारे हेतु जिम्मेदार ठहरा दिया गया था। तथा गांधी जी के खिलाफ विवादित टिप्पणी भी किया गया था। उनके द्वारा यह भी कहा गया था कि गांधी जी वंशवाद के पिता थे, और मैं उन्हें देश के राष्ट्रपिता नहीं मानता। कालीचरण महाराज के द्वारा महात्मा गांधी की हत्या करने हेतु नाथूराम गोडसे को हाथ जोड़कर प्रमाण भी कर किया गया था तथा उन्हें धन्यवाद भी दिया गया था। जिसके बाद से धर्म संसद में काफी हंगामा भी शुरू हो गया था।






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