रिटायर्ड BSP कर्मी से ठगी : बेटे दामाद सहित 7 लोगों की नौकरी के लिए दिए थे 7 लाख रूपए : इंटरव्यू के बाद पता चला के वेकेंसी ही नहीं निकली


Retired BSP personnel cheated in Durg district : दुर्ग जिले में जेपी सीमेंट फैक्ट्री नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपयों की ठगी का मामला उजागर हो रहा है रिटायर्ड बीएसपी कर्मी ने पुलिस को बताया कि उसने अपने बेटे, दामाद, और कामवाली के पति सहित 7 लोगों की नौकरी लगवाने के नाम पर ठगों को 7 लाख रुपए दिये थे। ठगों द्वारा रुपए पाने के बाद नौकरी लगवाने की जगह उन्हें इधर उधर घुमाने लगे। जब उन्हें ठगे जाने के आभास हुआ तो उन्होंने इसकी शिकायत भिलाई थाने में दर्ज की।


जेपी फैक्ट्री में नौकरी लगवाने की बात कही थी

बंशी विहार कॉलोनी बोरसी निवासी सुरेश चंद सिंगोरे (65) भिलाई इस्पात संयंत्र से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उसने शिकायत दर्ज कराई है कि रुआबांधा बस्ती भिलाई निवासी भीखम प्रसाद चांदने, विवेक चंद चांदने, स्मिता चांदने और भिलाई नगर निवासी के आनंद राव, टीना साहू, चितंड प्रसंगी, रामचंद सावंत ने उससे जेपी फैक्ट्री में नौकरी लगवाने की बात कही थी। 18 जून 2019 को उन्होंने कहा कि जेपी प्लांट में साल 2019-20 की विभिन्न पदों के लिए भर्ती निकली हैं। उसकी अधिकारियों से पहचान हैं। वह उनसे कहकर नौकरी लगवा सकता है। उसके बहकावे में आकर सुरेश चंद सिंगोरे ने अपने बेटे कृष्णा सिंगोरे, दामाद मिथलेश प्रसाद, भाई राजेंद्र सिंगोरे, मित्र बीपी महोबे के बेटे इतेश महोबे, काम वाली के पति अमित डेहरे व दामाद के भाई हमू भारद्वाज से उनकी नौकरी लगवाने की बात कहकर 7 लाख रुपए दिलवा दिए। यह रकम उन्हें नगद और चेक के माध्यम से दी गई थी। बाद में जब किसी की भी नौकरी नहीं लगी तो परिजनों ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई है।

कॉफी हाउस में डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और होटल में इंटरव्यू

बुजुर्ग ने बताया कि जेपी सीमेंट में नौकरी लगाने के नाम पर आरोपियों का पूरा गिरोह काम कर रहा था। उन्होंने सभी लोगों को बीएसपी के कॉफी हाउस फोर्थ फ्लोर में बुलाया और उनका डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन हुआ। इसके बाद 19 फरवरी 2020 को सभी आवेदकों को भिलाई के होटल आमंत्रण में बुलाया गया। यहां 14 दिन तक अलग-अलग पदों के लिए उनका इंटरव्यू हुआ। वहां उन्हें बताया गया कि उनकी ज्वाइनिंग और मेडिकल सितंबर महीने में हो जाएगा। इसके बाद जब भी बात करते तो ठग ज्वाइनिंग की डेट को बढ़ा देते। शक होने पर जब परिजन बीएसपी के इस्पात भवन गए तो उन्हें पता चला कि न तो यहां कोई जेपी सीमेंट का ऑफिस है और न ही कोई भर्ती हुई है।





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