खुद ही के मेहनत के धान के पैसों के लिए भटक रहे किसान : पीड़ित किसानों द्वारा कलेक्टर को सौपा गया ज्ञापन


जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर चांपा जिले के किसानों को खुद ही के मेहनत के धान के पैसा पाने के लिए भटकना पड़ रहा है। धान खरीदी करने वाले केन्द्र प्राभारी कहते हैं कि बिक्री एवं पैसे ऑनलाइन हो गए है, तो वहीं सहकारी बैंक प्रबंधन द्वारा कहा जाता है की पैसा ही नहीं आया है। पिछले सप्ताह तक भटकते रहने के बाद आज किसानों द्वारा कलेक्टर को अपने पैसे दिलवाने एवं प्राप्त करने की गुहार लगाई गई है।

जिसपर आज जैजैपुर क्षेत्र से जांजगीर के कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों द्वारा जानकारी देते हुए यह बताया गया कि वे सभी किसान उपार्जन केन्द्र झरप सेवा सहकारी समिति चिस्दा वाले किसान हैं। सभी किसानों द्वारा 14 दिसंबर को उपार्जन केन्द्र में अपने धान की बिक्री की गई थी, जिसकी पावती भी उनको दिया गया है। किंतु पिछले 7 दिनों में भी उनके अकाउंट में धान का पैसा जमा नहीं किया गया है। साथ ही उनका यह भी कहना है कि जब उनके द्वारा धान का पैसा पाने जिला सहकारी बैंक हसौद पहुंचा गया, तो बैंक प्रबंधन के द्वारा उन्हें धान बिक्री के पैसे उनके अकाउंट में जमा नहीं होने की जानकारी दी गई।

बैक के कर्मचारियों द्वारा यह बताया गया कि धान खरीदी केन्द्र में जाकर पैसों के बारे में पता करना होगा। इसके बाद ही किसानो द्वारा धान खरीदी केन्द्र प्रभारी के पास पहुंचा गया, तब उनके द्वारा कहा गया कि उनके बिक्री एवं पैसों का डिटेल अपडेट तो कर दिया गया है, लेकिन धान बेचने के 8 दिनों के बाद भी उनके बैंक खाते में पैसे अब तक नहीं आए है। जबकि उनके बाद के किसानों द्वारा धान बेचने के पैसे उनके खाते में आ चुके हैं।

किसानों द्वारा यह भी बताया कि लगभग 11 किसानों के ही धान का पैसा उनके खाते में अब तक नहीं पहुंचा है, जिसकी कुल कीमत करीब 9,48,016 रूपए है। जो ऋण वसूली के बाद 6,90,415 रूपया भुगतान किया जाना है।

पैसे नहीं मिलने एवं ना ही उचित जवाब मिलने से परेशान होकर सभी किसानो द्वारा आज गुरुवार के दिन जांजगीर कलेक्ट्रेट पहुंचे पहुंचा गया एवं कलेक्टर को पैसे दिलाने के निवेदन के साथ ही ज्ञापन भी सौंपा गया है। जिसके संदर्भ में जिले के कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला द्वारा यह बताया कि किसान अपनी समस्या लेकर मेरे पास आए हुए थे, सायद तकनीकी वजहो के चलते यह दिक्कत सामने आ रही होगी जिसे तत्काल ही ठीक करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।

आशा है कि किसानों को उनकी मेहनत का पैसा जल्द ही मिले।






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