शिवरीनारायण मंदिर नवागढ़ जांजगीर चंपा छत्तीसगढ़, शिवरीनारायण में ही सबरी के जूठे बेर चखे थे प्रभु श्री राम : Shivrinarayan Mandir Janjgir Champa : Tourism Places of Chhattisgarh


भगवान श्री शिवरीनारायण धाम : शिवरीनारायण जिला मुख्यालय से करीब 50 km.  दक्षिण की ओर तथा बिलासपुर शहर से सड़क मार्ग पर 60 km. की दूरी पर एवं रायपुर से करीब 178 km. की दूरी पर स्थित एक अत्यंत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। जो की जांजगीर चांपा जिले के शिवनाथ, महानदी तथा जोक इन तीन नदियों के पवित्र संगम पर शबरी-नारायण नाम का यह अद्भुत मंदिर स्थित है, वास्तुकला की दृष्टि से लगभग 12वीं शताब्दी में हैह्य वंश के शासन काल में हैह्य वंशी राजाओं द्वारा शबरी नारायण मंदिर में चतुर्भुजी भगवान विष्णु तथा माता शबरी जी की  प्रतिमा गर्भगृह में प्रतिस्थापित किया गया था, जो आज भी यथावत स्थित हैं।


शिवरीनारायण का इतिहास : जांजगीर जिले के शिवरीनारायण में स्थित मंदिर की इतिहास काफी पुरानी है। महानदी के तट के किनारे बने इस मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त शबरी का आश्रम भी मंदिर के पास ही है। लक्ष्मीनारायण मंदिर में वैष्णव शैली की अत्यंत ही उत्कृष्ट वास्तुशिल्प की डिजाइन देखी जा सकती है। माघ पूर्णिमा के मौके पर यहां एक उत्सव का आयोजन किया जाता है। पंरतु इसका इतिहास तो रामायण काल के समय से जुड़ा हुआ है।

पुरुषोत्तम तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध एवं विख्यात शिवरीनारायण जनश्रुति के अनुसार मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम की वनवास काल के दौरान दंडकारण्य में ही शबरी माता से भेंट हुई थी, तथा उनके जूठे बेर भी प्रभु श्री राम द्वारा इसी स्थान पर ग्रहण किए गए थे, यही कारण है कि शबरी नारायण से इस स्थान का नाम शिवरीनारायण हो गया एवं प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त शबरी की कथा जन-जन में यही से प्रचलित हुई।


शबरी माता की कहानी : शबर नामक राजा दंडकारण्य के एक अत्यंत प्रभावी राजा थे, जिनकी पुत्री का नाम ही शबरी था, शबरी भगवान विष्णु जी के अनन्य भक्त थे, राजा शबर शबरी का विवाह करना चाहते थे, परंतु यह शबरी को मंजूर नहीं था, वह घर छोड़ कर निकल जंगल की ओर चली गई। और वही से संन्यासी का जीवन जीने लगी और भगवान की भक्ति में लीन हो गई। उनकी भक्ति को देखकर उनके गुरू ने बताया कि भगवान विष्णु जी के मनुष्य अवतरण राम जी के रूप में उनके पास उसी आश्रम में एक दिन आयेंगे। जिनकी प्रतीक्षा में वे कई वर्षो से लगी हुई थी। श्री राम जी के प्रति उनकी अनन्य निष्ठा थी।


अपने गुरु के आदेश को सरवोत्त मानते हुए शबरी प्रतिदिन भगवान श्री राम की आगमन की प्रतीक्षा आश्रम में करती रहती थी। आश्रम के द्वार को हर दिन पुष्प बिखेर कर सजाती थी की पता नही कब प्रभु उनके द्वार पहुंच जाए। शबरी को भगवान के आगमन का पूर्ण विश्वास था वह दिन रात भगवान के आने की प्रतीक्षा में लगी रहती थी। तथा उनके स्वागत के लिए फलों का भी संग्रह करती रहती थी। 

कई वर्ष प्रतीक्षा के बाद वह घड़ी आई जब भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण सहित सीता मैया की खोज करते हुए शबरी के आश्रम पहुंच गए। सीता की खोज में भटकते साधारण मानव के रूप में भगवान श्री राम को अपने सामने पाकर शबरी आत्म विभोर हो गई वृद्ध अवस्था में अपनी बूढ़ी आंखों पर उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि साक्षात भगवान श्री राम जी उसके सामने खड़े हुए हैं।


प्रभु को उस दिन भेंट करने के लिए वनों से एकत्रित किए बेर फल ही था, बेर देते समय शबरी ने विचार किया कि बेर कही खट्टे ना हो एवं सहज भाव से मीठे बेर की चयन करने के लिए बेर को चख चख कर मीठे मीठे बेर प्रभु को अपने हाथों से खिलाने लगे। प्रभु उसके निश्चल एवं सहज भाव में समर्पित भेट को ग्रहण कर आत्म विभोर हो गए।

प्रेम भक्ति की एक श्रेष्ठ उदाहरण के रूप में शबरी के इस प्रसंग को माना जाता है, जिसके लोक जीवन में कई कथाएं जुड़ी हुई है। की शबरी ने चख चख कर प्रभू श्री राम को जूठे बेर खिलाये थे, जिसे प्रभू ने अत्यंत प्रेम पूर्वक ग्रहण किया। मना जाता है कि यह पूरी कथा शिवरीनारायण में घटित हुईं जिसके कारण यह अत्यधिक प्रसिद्ध एवं विख्यात है।


शिवरीनारायण कैसे पहुंचें : 

सड़क मार्ग के द्वारा : शिवरीनारायण जिला मुख्यालय से करीब 50 km. दक्षिण की ओर तथा बिलासपुर शहर से सड़क मार्ग पर 60 km. की दूरी पर एवं रायपुर से करीब 178 km. की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग द्वारा : निकटतम रेलवे स्टेशन जांजगीर नैला तथा चांपा है। अगर आप दूर प्रदेश से ट्रैन के सहारे आ रहे है तो आपको सीधे यही  आना चाहिए उसके बाद आप सड़क मार्ग से आसानी से शिरीनारायण पहुंच सकते है।

हवाई मार्ग द्वारा : निकटतम हवाई अड्डा रायपुर एवं बिलासपुर चकरभाठा छत्तीसगढ़ है। जहा आने के बाद आप सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंच सकते है।

शिवरीनारायण में लगता है भव्य मेला पूरे महीने भर लगता है भीड़ - शिवरीनारायण मेला 2022


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ