पताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव : Patal Bhairavi Mandir Rajnandgaon : विश्व के सबसे ऊंचे शिलिंग बर्फानी धाम राजनांदगांव छत्तीसगढ़


Patal Bhairavi Mandir Rajnandgaon Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में स्थित है पताल भैरवी का मंदिर जिसकी दुरी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 70 किलोमीटर है, कहते है की इस मंदिर का निर्माण 4 अप्रैल सन 1998 को किया गया था। तब से लेकर आज तक यह मंदिर माता के भक्तों के लिए व पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक विशेष श्रद्धा का केंद्र है।

मां पाताल भैरवी माता दुर्गा का ही एक रूप है जो इस मंदिर में स्थित है। कहा जाता है कि दुर्गा मां ने दुष्टों का संहार करने को रौद्र रूप धारण किया। कहते हा की रक्तबीज नामक राक्षस को मारने के लिए इस रूप को धारण किया था


रक्तबीज राक्षस को मिली थी चमत्कारी शक्ति :
रक्तबीज एक ऐसा राक्षस था जिसके रक्त का एक बूंद भी अगर जमीन मे गिरा तो वह एक बूंद रक्त एक नए नए राक्षस का रूप ले लेता था।
इस विपदा के निवारण के लिए माता दुर्गा ने मां काली का रूप धारण किया व रक्तबीज का वध करके उसके पूरे रक्त को पी लिया। इस मंदिर में गर्भगृह में स्थित माता को माता काली का ही एक रूप माना जाता है।
पताल भैरवी का रूप विशाल व भयानक है :
यह मंदिर कई मायने में विशेष है श्रद्धालुओं के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ हु। इस मंदिर के गर्भगृह में स्थित माता की मूर्ति काफी विशेष महत्व रखती है। इस मूर्ति को इस प्रकार बनाया गया है कि कोई व्यक्ति अगर इसे पहली बार देखे तो वह आश्चर्यचकित रह जाता है। मां काली का यह रौद्र रूप काफी भयानक नजर आता है। मंदिर के गर्भगृह मंदिर से लगभग 15 से 18 फीट की गहराई में स्थित है। गर्भगृह में स्थित मूर्ति लगभग 15 फीट ऊंची बताई जाती है व यह मूर्ति विसाल पत्थर की बनाई गई है जो कि लगभग 11 टन भारी होगा हैै।

पताल भैरवी माता की मूर्ति जमीन के 18 फीट नीचे होने का कारण :
ऐसा पुराणों व ग्रंथों में पता चला है कि माता काली का यह रौद्र रूप जमीन के भीतर निवास करती थी इसीलिए इसे पताल भैरवी का नाम दिया गया था और पताल भैरवी के ही निवास स्थल को आधारभूत मानकर इस मंदिर के गर्भगृह को भी जमीन के नीचे पाताल लोक में रखने की कोशिश की गई थी।


पातल भैरवी मंदिर 3 स्तरों में बनाया गया है :
माता की यहां स्थित मूर्ति विशेष होने के कारण यह मंदिर पिछले कई वर्षों से श्रद्धा का एक केंद्र बना हुआ है। मां पाताल भैरवी का यह मंदिर 3 स्तरों में बना हुआ है । जिसमे निचले स्तर पर माता पाताल भैरवी को देखा जा सकता है। दूसरे स्तर पर त्रिपुर सुंदरी का तीर्थ है इसे नवदुर्गा भी कहा जाता है इसके पश्चात तीसरे और अंतिम स्तर शीर्ष पर भगवान शिव की विशाल शिवलिंग स्थापित किया गया हैै।

शिवलिंग है 108 फीट ऊंचा :
शिवलिंग के संबंध में कहा जाता है कि यह शिवलिंग लगभग 108 फीट ऊंची है। शिवलिंग के सामने ही भगवान शिव के वाहन नंदी की मूर्ति भी स्थापित है। इसके साथ ही साथ यहां के शिवलिंग को पूरे विश्व के सबसे ऊंची शिवलिंग भी होने का दावा किया जाता है।
जलाई जाती है स्योती कलश :
वर्ष के दोनों नवरात्रों में इस मंदिर में ज्योती कलश स्थापना की जाती है। यहां किए गए ज्योती कलश स्थापना का विशेष महत्व होता हैै। कई लोग यहां पर माता के दरबार में ज्योत जलाकर मनोकामना मांगते हैं तो कई लोग अपनी मनोकामना के पूरा हो जाने के पश्चात यहां पर ज्योत जलाते हैं।

शरद पूर्णिमा में मिलती है औषधि :
इस मंदिर में नवरात्रों के अलावा शरद पूर्णिमा के दिन एक विशेष प्रकार का जड़ी बूटी को खीर में डाला जाता है और एक औषधि युक्त खीर बनाया जाता है। इस खीर में विशेष प्रकार के जड़ी-बूटी होते हैं जो दमा अस्थमा और श्वास से जुड़ी कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार होती है।इस खीर प्रसाद को पाने के लिए यहां पर शरद पूर्णिमा की रात को हजारों की संख्या में भक्त यहा आते हैं।

माँ बमलेश्वरी मंदिर से 40 किलोमीटर दूर है पताल भैरवी मंदिर :
यह मंदिर बमलेश्वरी माता के मंदिर से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मां बमलेश्वरी के दर्शन के लिए आने वाले लगभग 73% श्रद्धालु इस पताल भैरवी राजनांदगांव में माथा टेकने अवश्य आते हैं। इसी के चलते नवरात्रों के अलावा यहां पर साल के सभी महीनों में काफी भीड़ देखी जाती हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्य धार्मिक स्थल :
भारत के छत्तीसगढ़ राज्य को भारतीय संस्कृति की परंपराओं को बनाए रखने वाला राज्य के रूप में भी जाना जाता है। यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल है जो कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
अगर छत्तीसगढ़ के मुख्य धार्मिक स्थलों के बारे में आपको बताये तो छत्तीसगढ़ के तीर्थ स्थलों में बमलेश्वरी, जतमई धाम, दंतेश्वरी पताल भैरवी, घटारानी धाम व भी कई मंदिर शामिल है।

पातल भैरवी मंदिर कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग - पताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव शहर राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक 6 पर स्थित है । यह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है साथ ही नागपुर (महाराष्ट्र) से इसकी दूरी 212 किलोमीटर है।

रेल मार्ग - पताल भैरवी से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, राजनंदगांव रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 3 किलोमीटर है|

हवाई मार्ग - पताल भैरवी से सबसे निकटतम हवाई अड्डा छत्तीसगढ़ का मुख्य हवाई अड्डा रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दुरी लगभग 75 किलोमीटर है |

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ