भारत का सबसे ऊंचा स्तंभ जैतखाम : इसका निर्माण रमन सिंह के शासनकाल में 2008 से 2012 तक लगभग 50 करोड़ रुपए के लागत में कराया गया था, जिसकी ऊंचाई करीब 77 मीटर अर्थात् 243 फीट है, कुतुबमीनार जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर अर्थात् 237 फीट है से भी 6 फीट ऊंची है। भारतीयों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य एक ऐसा स्थल है, जिसके पग पग को धर्म एवं आस्था स्थलियों का आर्शीवाद प्राप्त हुआ है। इन्हीं तमाम धार्मिक स्थलों में से एक गिरौदपुरी धाम काफ़ी प्रसिद्ध स्थल है। जो जैतखाम जैसी शानदार एवं अनोखी संरचना के लिए इंजीनियरिंग मिशाल देती है, इंजीनियरिंग की करिश्मा कही जाने वाली यह 77 मीटर ऊंची संरचना जिसे देखने दूर दूर से लोग यहां आया करते है, अनोखी एवं अदभुत है। सतनामी संप्रदाय के शाश्वत प्रतीक के रूप में यह पूरी दुनिया को लुभाती हुई भारत देश का सबसे ऊंचा यह जैतखाम स्तंभ इतना आकर्षित करता है कि दूर दूर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं, और इसके आर्किटेक्चर का दीवाना हो जाते हैं।
Giroudpuri Mela गिरौदपुरी मेला : रंगारंग स्थानीय एवं सांस्कृतिक परंपराओं से सुसज्जित यह मेला बहुत अधिक संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यहां का एक प्रमुख आकर्षण केंद्र यहां पर की जाने वाली पूजा की विधि है, जहां सैंकड़ों लोग सफेद कपड़े धारण कर पूजा अनुष्ठान करते हुए नज़र आते हैं।
Amrit Kund अमृत कुंड : गिरौदपुरी से महज 1km. की दूरी पर स्थित अमृत कुंड नामक जगह का इतिहास बहुत ही रोचक है। बताया जाता है कि यहां पर पीने के पानी की बहुत ही अधिक किल्लत हो रही थी, प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी इस समस्या का निवारण नहीं हो रहा था। तब एक स्थानीय साधु द्वारा लोगों की मदद करने के उद्देश्य से तथा समस्या से निजाद पाने हेतु अपनी दैवीय शक्तियों का इस्तेमाल करके पहाड़ के एक हिस्से को अपने अंगूठे से छूकर एक गढ्ढे में बदल कर दिया, जहां पर से मीठे पानी की जलधारा निकल पड़ी। और फिर जिस कुंड में यहां से पानी का भंडारण किया जाने लगा उसे कुंड अमृत कुंड का नाम दिया गया।
गिरौदपुरी धाम कैसे पहुंचें-
सड़क मार्ग द्वारा : छत्तीसगढ़ राज्य मुंबई, दिल्ली, बेंग्लुरु एवं पुणे जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ से बाहर से अगर आप यहां आने के सोच रहे है तो अपनी लोकेशन के अनुसार यहां आप 26 से 27 घंटो में आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी है तो गिरौदपुरी धाम रायपुर, बिलासपुर, सारंगढ़, महासमुंद, भाटापारा, कसडोल, बलौदाबाजार, शिवरीनारायण एवं बसना आदि शहरों से सड़क मार्ग के माध्यम से आसानी से अपने किसी भी साधनd द्वारा पहुंच सकते है।
रेल मार्ग द्वारा : गिरौदपुरी धाम आने के लिये रायपुर, बिलासपुर, भाटापारा तथा महासमुंद रेल्वे स्टेशन हैं । यहॉ पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग के माध्यम से गिरौदपुरी धाम आसानी से पहुंच सकते है ।
हवाई मार्ग द्वारा : गिरौदपुरी धाम आने के लिये यहां से सबसे नजदीक रायपुर हवाई अड्डा एवं बिलासपुर चकरभाठा हवाई अड्डा है । यहॉ पहुंचने के बाद आप सड़क मार्ग के माध्यम से आसानी से गिरौदपुरी धाम पहुंच सकते है ।
हमारी राय : हमरी सलाह है, कि घूमने के साथ-साथ आध्यात्म में रुचि रखने वाले सभी लोगो को गिरौदपुरी धाम अवश्य ही आना चाहिये। क्योंकि यहां पूरी जगह का आभामंडल कुछ ऐसा है, जो आपको स्वंय ही अध्यात्म से जुडी कई नये तथ्यों से परिचित कराता है। आपको यहां आकर प्रकृति के अनोखी देन का दर्शन होगा आपका मन मंत्रमुग्ध हो उठेगा शांति रस का भी संचार होगा।
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