कैलास गुफा बस्तर, छत्तीसगढ़ : Kailash Cave Bastar Chhattisgarh : Chhattisgarh Tourism Places


Kailash Cave Bastar, Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर से लगभग 40 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 300 किलोमीटर की दुरी पर तुलसी डोंगरी पहाड़ी पर स्थित है कैलास गुफा, यह गुफा इस क्षेत्र की सबसे पुरानी गुफा है I प्राकृतिक सुंदरता को प्रसिद्ध बस्तर में सुंदरता का भण्डार है और इसी सुंदरता में शामिल है कैलाश गुफा जिसकी लम्बाई 250 मीटर व गहराई 35 मीटर है, गुफा के अंदर बहोत सारे शिवलिंग बने हुए है यही कारण है के इसे कैलाश गुफा कहते है, यह थोडा बहुत कुटुमसर गुफा की तरह दिखता है। चौकाने वाली बात तो ये है के गुफा के अंदर जाने का रास्ता काफी पतला ( संकीर्ण ) है इस कारण गुफा में प्रेवश करते वक्त एक इन्सान ही अंदर जा सकता है, अंदर जाने के बाद गुफा में कई लोग एक साथ आसानी से रह सकते हैं।

कैलास गुफा कैसी दिखती है ( भूगोल ) :
बस्तर के भूमिगत गुफा कैलाश गुफा में सबसे शुरुआती चूना पत्थर के गठन हैं जो बहुत आकर्षक लगते हैं। इस गुफा की लंबाई 250 मीटर व गहराई 35 मीटर है। अचम्भित बात है की लुभावनी चूना पत्थर संरचनाओं के कारण समान रूप से शिवलिंग गुफा के अंदर स्टैलेक्टसाइट्स और स्टालाग्माइट्स इसे कैलाश की प्रतिकृति देते हैं। इन ड्रिपस्टोन संरचनाओं को स्थानीय लोगों द्वारा पूजा भी की जाती है। और इसी कार्ड कैलास गुफा भी कहा जाता है I

16 अक्टूबर से 15 जून तक खुली रहती है गुफा :
कुटुम्बसर व दंडक गुफाएं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अन्य आकर्षण का केंद्र हैं। यहा गाइड, टॉर्च पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं। मानसून के दौरान खतरे के चलते कैलाश गुफा बंद कर दी जाती है और हर साल फिर से 16 अक्टूबर से 15 जून तक खोल दी जाती है। अब यहा जिप्सी सफारी भी अन्य जगहों की सुंदरता का पता लगाने के लिए पर्यटकों के लिए उपलब्ध है|

कैलास गुफा की खोज किसने की :
कैलाश गुफा की खोज कांकेर राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत 22 मार्च 1993 को कृष्ण अवतार, पार्क परिक्षेत्र अधिकारी रोशनलाल साहू, गेम सुपरवाइजर आर यादव, गेम रक्षक सोनसाय, राजाराम शिवहरे, सीताराम चौकीदार ने खोज की।
कैलास गुफा की विशेषता :
कैलासा गुफा के अंदर स्लेटमाइट और स्लेटराइट के स्तम्ब बने हुए है जो गुफा की शोभा बढ़ाते है, ये स्तम्भ देखने में चमकदार और कई आकृति के बने हुए है।

गुफा के अंदर है तीन हॉल :
गुफा के अंदर तिन हॉल है, जिसके अंदर हजारो लोग एक साथ आराम से आ सकते है।

पत्थर से आती है संगीत की ध्वनि :
इस गुफा की शोभा संगीत कक्ष और भी बढाती है, कक्ष में स्लेट माइट के पत्थर से संगीत की ध्वनि निकलती है जो पर्यटको के लिए एक अचंभित करने वाली कर है ।

कैलास गुफा कैसे पहुंचे :
सड़क मार्ग - कैलास गुफा तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क आपको आसानी से मिल जायेगी जिससे आप अपने वाहनों के माध्यम से पहुंच सकते हैं। यह बस्तर जिले के जगदलपुर से 40 किलोमीटर व राजधानी रायपुर से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |

रेल मार्ग - कैलास गुफा से सबसे निकतम रेलवे स्टेशन है, जगदलपुर रेलवे स्टेशन जिसकी दुरी लगभग 40 किलोमीटर है

हवाई मार्ग - कैलास गुफा से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है जगदलपुर हवाई अड्डा जो सिमित हवाई अड्डा की सैली में आती है जिसकी दुरी लगभग 45 किलोमीटर है व छत्तीसगढ़ की मुख्य हवाई अड्डा, रायपुर हवाई अड्डा है जिसकी दूरी लगभग 310 किलोमीटर है

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