छत्तीसगढ़ में फिर एक बार छिड़ी सत्ता को लेकर बवाल (बघेल VS टी. एस. सिंह) , ढ़ाई ढ़ाई साल वाली सत्ता का मसला



Chhattisgarh News: कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं का मानना यह है कि भूपेश बघेल को नहीं हटाने के पीछे पार्टी की एक विशेष मजबूरी है। सूत्रों की माने तो 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ओबीसी एवम् ट्राइबल वोट को प्राप्त कर 2018 में 15 साल के बाद सत्ता में वापस लौटी थी। इसके साथ ही भूपेश बघेल पार्टी में लंबे समय के बाद ही एक प्रभावशाली ओबीसी नेता के रूप में उभरे हैं।

50-50% wali satta ka sach:छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी (Chhattisgarh Congress) में राज्य के नेतृत्व परिवर्तन की बढ़ते हुए मांग के बीच पार्टी अलकमान ने साफ किया है , कि वर्तमानमुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) जी पूरे पांच साल तक सीएम के पद पर बने रहेंगे। साथ ही पार्टी यहां की विवाद को सीघ्र समाप्त करने के लिए दखल दे सकती है। छत्तीसगढ़ में यह विवाद तब उठा था  जब राज्य में पार्टी के सीनियर नेताओं तथा बघेल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) पार्टी की ओर से दावा किया गया है कि 2018 में मिली जीत के बाद पार्टी नेतृत्व ने तय किया था कि उनके एवम्  बघेल के बीच पांच सालों का राज्यकाल आधा-आधा बंटेगा।

जाने क्या है संपूर्ण मसला : गौरतलब है कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने संकेत दिया है कि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था। पार्टी के एक सीनियर नेता ने एनबीटी से यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में अभी दखल देने का सवाल ही नहीं आता है। राज्य में तब विवाद और भी अधिक गहरा हो गया , जब कांग्रेस के एमएलए बृहस्पत सिंह ने बीते महीने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगा दिया था। बृहस्पत सिंह बघेल के काफी करीबी माने जाते हैं। हालांकि अब दोनों पक्षों ने मसला समाप्त होने का दावा किया है लेकिन सूत्रों की माने तो इस विवाद के पीछे बघेल बनाम टीएससिंह देव का ही मामला था।

छत्तीसगढ़ के वर्तमान सीएम भूपेश बघेल ने ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले पर दिया जवाब और वैक्सीन तथा यूरिया पर केंद्र का घेराव किया। बघेल सरकार को पार्टी ने पिछले कई विधानसभा के चुनावों में उपयोग भी किया। ऐसे में पार्टी अभी उन्हें अस्थिर करने का खतरा नहीं ले सकती है।क्योंकि ऐसे में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है । एक तो ऐसे भी छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद यहां (छत्तीसगढ़) में कांग्रेस की वापसी हुई है जो कभी भी ऐसी गलती नहीं करेगी जिससे उनकी सरकार पर कोई दुविधा आए

कांग्रेस पार्टी की है यह रणनीति : बघेल के अगुवाई वाली राज्य सरकार की मदद से कांग्रेस कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं को राज्य में लागू करने की भी कोशिश कर रही है।इसके साथ ही साथ कांग्रेस ने यह भी संकेत दिया है कि कांग्रेस पार्टी अगले कुछ दिनों तक तमाम राज्यों में गुटबाजी को दूर करने की कोशिश करेंगी। कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व को लेकर मची घमासान का पूरा लाभ बीजेपी उठाने की कोशिश कर रही है जो पिछले कुछ सालों से राज्य में अपना खोया हुआ सत्ता पाने की पूरी कोशिश में लगी हुई है।


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