छत्तीसगढ़ में बस हड़ताल के पीछे का असली वजह क्या है ,क्या इसके पीछे है कोई सियाशी जाल ???


छत्तीसगढ़
में आज से बसों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो रही है। जिससे प्रदेश के करीब 12 हजार बसों के पहिये थम जाएंगे। हड़ताल की वजह से रोजमर्रा के सफर पर जाने-आने वाले करीब 5 लाख यात्रियों को परेशानी होगी।

40 फीसदी यात्री किराया बढ़ाने और ऑफ रोड बसों का टैक्स माफ किए जाने की मांग को लेकर बस ऑपरेटर्स का ये महाबंद अनिश्चितकालीन होगा। यानी जब तक बस संचालकों की मांग मानी नहीं जाती तब तक राज्य में बसें नहीं चलेंगी। छत्तीसगढ़ के बस मालिक छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ की अपील पर धरना, प्रदर्शन और आंदोलन पिछले कई दिनों से जारी है।

इसी कड़ी में अपनी मांग को लेकर बस मालिकों ने सोमवार को रायपुर में एक दिवसीय धरना भी दिया। 13 जुलाई को बस सेवा बंद करने के बाद 14 जुलाई को जल समाधि की तैयारी है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि 2018 में 60 रुपए प्रति लीटर में बिकने वाला डीजल अब 2021 में लगभग 97 रुपए प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है। छत्तीसगढ़ में यात्री किराया नहीं बढ़ने की वजह से बस संचालकों को नुकसान हो रहा है। बीते दो सालों में लॉकडाउन और कोरोना के असर की वजह से आर्थिक परेशानी बढ़ी है।

अतः सभी समस्याओं का मूल जड़ पेट्रोल/डीजल की बढ़ती दाम है । इस प्रकार की महंगाई में रोजमर्रा पे बहुत ज्यादा असर दिख रहा है । यात्री बस के किराए बढ़ने से परेशान है , तो बस चालकों के पास भी किराए बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा उपाय भी नही है।
साफ बात ये है कि इस प्रकार की हड़ताल करके बस चालकों द्वारा सरकार का ध्यान पेट्रोल/डीजल की बढ़ती महंगाई की ओर खींचना है।


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