विवाद के बाद भी पारित हुआ CM बघेल के रिश्तेदार की मेडिकल कॉलेज की अधिग्रहण का बिल


Chandulal Chandrakar Memorial medical College takeover:
विपक्ष की ओर से तमाम आपत्तिया जाहिर किए जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार ने विवादित चंदूलाल चंद्रकार मैमोरियल मेडिकल कॉलेज (अधिग्रहण) विधेयक 2021 को बुधवार को विधानसभा में पेश किया। इससे सरकार दुर्ग जिले में स्थित निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करने जा रही है। विधेयक पर विधानसभा में गुरुवार को हुआ चर्चा।

छत्तीसगढ के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंह देव ने कछनदुर गांव के इस मेडिकल कॉलेज के अधिकग्रहण के लिए बिल पटल पर पेश किया और कहा कि इस कॉलेज का तुरंत अधिग्रहण होना चाहिए क्योंकि यह लोगों के हित में है। सिंहदेव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को पहले से ही एमबीबीएस कोर्स के लिए अनुमति मिल चुकी है और स्टूडेंट इसमें काफी पहले से ही पढ़ रहे हैं।

मंत्री ने कहा, ''कॉलेज के मौजूदा मालिकों ने उनकी आर्थिक मुश्किलों के मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार से इसके अधिग्रहण की मांग की है। जनहित में जरूरी है कि इस मेडिकल कॉलेज का तुरंत अधिग्रहण किया जाए।'' मंत्री ने यह भी बताया कि इस कॉलेज के अधिग्रहण से राज्य सरकार के राजस्व पर हर साल 140 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा जिसकी भरपाई राज्य सरकार को उठानी होगी।

नहीं मानेंगे भूपेश बघेल, विवाद के बावजूद CM के रिश्तेदार के मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण को छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश हुआ विधेयक:
विपक्ष की ओर से तमाम आपत्तियां जाहिर किए जाने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार ने विवादित चंदूलाल चंद्रकार मैमोरियल मेडिकल कॉलेज (अधिग्रहण) विधेयक 2021 को बुधवार को विधानसभा में पेश कर दिया। इसके द्वारा सरकार दुर्ग जिले में स्थित निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करने जा रही है। विधेयक पर विधानसभा में गुरुवार को चर्चा होगी।

क्यों उठा विधानसभा में सवाल:

विपक्ष यानी बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों के हित में नहीं है। छत्तीसगढ़ में सरकार की ओर से निजी मेडिकल कॉलेज के अधिकग्रहण को लेकर विवाद इसलिए खड़ा हुआ है, क्योंकि बीजेपी का आरोप है कि घाटे में चल रहा यह कॉलेज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक रिश्तेदार का है और इसलिए सरकार इसका अधिग्रहण करना चाहती है।

हालांकि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य राज्य के विद्यार्थियों का फायदा है। उन्होंने कहा, ''इसके अधिग्रहण से हमारा नए मेडिकल कॉलेज खोलने में लगने वाला समय बचेगा और हमें हर साल 150 डॉक्टर मिलेंगे।''

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