किसी को फिल्मों में काम करना हो तो वह इंसान डायरेक्टर से मिलता है लेकिन इनको डायरेक्टर ने खुद बुलाया था ओ भी हीरो का किरदार निभाने के लिए जी हा दोस्तो आज हम बात करने जा रहे है ऐसे इंसान की जो पढ़ने में थोड़ा कमजोर था पर सपना था एयरफोर्स में जाने का जो पूरा नहीं हुआ ऑर्केस्टा में काम किया वहा भी खास सफलता हासिल नही हुई कभी फिल्मों में काम करने का मौका मिलेगा सोचा नही था और आज है छत्तीसगढ़ के नंबर 1 स्टार दोस्तो हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ के सुपर स्टार अनुज शर्मा के बारे में
अनुज शर्मा का जन्म 15 मई 1976 को रायपुर जिले के भाटापारा गाव में एक माध्यम वर्गी हिन्दू परिवार में हुआ था इन्होंने अपनी स्कूल की पढाई भाटापारा में की जहा ये पढ़ने में उतने अच्छे तो नहीं थे पर काफी सरार्ती और लोगो को हँसाने में माहिर थे साथ ही साथ वे स्कूल के कार्यक्रमों में भी भाग लिया करते थे, इन्होंने अपनी 12 वी की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कम्पनी मे फ़्रीज़ वाशिंग्मशीन बेचने का काम किया और साथ ही साथ अपनी पढ़ाई भी की इन्होंने काम करते साथ graduation post graduation और LLB कि पढ़ाई कम्पलिट की
अनुज शर्मा बताते है के उन्हे एक दिन अचानक रास्ते में एक इंसान मिला उन्होंने उनसे कहा कि सतीश जैन को जानते हो ( वैसे हम बता दे के सतीश जैन छत्तीसगढ़ी फ़िल्म के डायरेक्ट है और इन्होंने बॉलीवुड फ़िल्म हद कर दी अपने भी डायरेक्ट की है ) पर अनुज शर्मा को उनके बारे में नही पता था।फिर उस इंसान ने अनुज शर्मा को बताया की वे एक फिल्म बना रहे है जिसमे 2 भाइयो की कहानी है उस इन्सान ने उन्हें ये भी बताया की सतीश जैन जी उन्हें खुद अपनी फिल्म का हीरो बनाना चाहते है ।
वैसे तो फिल्मो में काम करने का उनको खास शौक नही था फिर भी उन्होंने बुलाया गाया है तो ऑडिशन के लिए जाना उचित समझा और चले गए ।फिर क्या था छ्त्तीसगढ़ी पारिवारिक फ़िल्म मोर छैयाँ भुइयाँ में उन्हें हीरों का रोल मिला जो कि blockbuster हीट हुई और साथ ही साथ लोगों को अनुज शर्मा की एक्टिंग कांफी पसन्द आयीं...
पर उनका सपना तो कुछ और ही था। उन्होंने ये सब छोड़ के अपने सपने को पूरा करने एयरफोर्स में जाने का फैसला किया । पर वह भी उन्हें खास सफलता हासिल नहीं हुई और फिल्मो को ही अपना करियर बनाने की चाह में घर लौट आये।उसके बाद उन्हें काफी दिनो बाद माया दे दे माया ले ले मूवी में रोल मिला जो की फिर से सुपर हीर हुई लोगों ने इस बार फिर से अनुज शर्मा कि एक्टिंग को ख़ूबपसंद किया और इनका नाम छत्तीसगढ़ की गलियों में गूंजने लगा इसके बाद इनकी काफ़ी सारी फिल्मे रिलीस हुई जो लोगों को ख़ूब पसंद आयी जिसमे - झन भूलो माँ बाप ला,माया दे दे माया लेले, राजा छत्तीसगढ़िया जैसे फ़िल्म समिल थे। अब इनके कदम सफलता को छूने लगे ।
इसके बाद इन्होने -
ख़ुद का बैंड सुरु किया , स्टेज प्रोग्राम किये और प्रोडक्शन हॉउस भी खोला और साथ ही साथ कई पुरुस्कार जैसे 4 बार बेस्ट एक्टर प्लेबैक सिंगर और पद्मा श्री जैसे और भी कई पुरुस्कार प्राप्त किये । फिलहाल अपनी पत्नी डॉ स्मिता शर्मा और 2 बच्चे आरूग और अनुमिता के साथ रायपुर में रहते है
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