छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले से 56 किलोमीटर
मैनपाट के पास बिसरपानी गांव है। जहां पर
पानी सडक़ के किनारे से निकलकर पानी की धारा ऊपर पहाड़ी की ओर 2 किलोमीटर तक का
सफर तय करती है। मैनपाट के बीच उल्टापानी के नाम से मशहूर हो चुके इस स्थान पर
पहुंचे तो लगा कहीं यह आंखों का धोखा तो नहीं। इंसान व विज्ञान की मान्यताओं को
झूठलाकर यहां चार साल पहले ग्रामीणों द्वारा बनाई गई मेढ़ में पानी एक ही धार में
नीचे से ऊपर पहाड़ के टीले जैसे स्थान से घूमकर दूसरे पार में एक ही फ्लो में बह
रहा है।
जैसे ही हम रहस्यमयी चीजों का नाम सुनते हैं हमारे अंदर उसे जानने की इच्छा आ जाती है। वैसे तो देशभर में ऐसे कई रहस्यमयी बाते है जिसे लोग जानना चाहते हैं। पर इनमें से कुछ रहस्य ऐसी भी है जो रोचक होने के साथ साथ डरावनी भी है। पर यहाँ उल्टा पानी आपको डराएगी नहीं बल्कि आपका मनोरंजन करेगी ।
उल्टा पानी कितना सही कितना गलत -
लोगो के मत अनुसार यहाँ पानी उपर से निचे की ओर बहता है पर प्राकृतिक के नियम अनुसार यह कदापि संभव नहीं
यहाँ आये सोध्कर्ताओ की माने तो पानी का बहावा उपर से निचे की ओर ही बहता है, लेकिन हमें पहाड़ो के ढलानो की वजह से निचे से उपर बहता दिखाई देता है
ऐसे और भी काफी जगहों में देखा जाता है जहा पानी निचे से उपर बहता दिखाई देता है जो की देखने में बड़ा अनोखा लगता है | पर ये सिर्फ भरम है कोई चमत्कार नही |
हमारी राय -
अगर आप यहाँ आना चाहते है तो एक बार ही सही पर जरुर आइये यहाँ तथीय झूठा ही सही फिर भी आप को सत्य लगेगा और यहाँ किसी चमत्कार से कम नही लगेगा |
पहुँच मार्ग -
उलटा पानी तक पहुंचने के लिए उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। अंबिकापुर से दरिमा होते हुए मैनपाट जाने वाली सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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