Bilaspur Chhattisgarh: बिलासपुर में कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क से गुरुवार की सुबह भालू केज से भाग निकला। इसकी जानकारी मिलते ही प्रबंधन और कर्मचारियों की नींद उड़ गई। भालू करीब चार घंटे तक जू परिसर में भटक रहा था। हालांकि, चार घंटे की मशक्कत के बाद कर्मचारियों ने कानन परिसर में तलाश कर उसका रेस्क्यू कर दोबारा केज में डाला गया। इसके बाद प्रबंधन ने राहत की सांस ली।
जानकारी के अनुसार कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में शुक्रवार की सुबह करीब 8 बजे उस समय हड़कंप मच गया, जब केज से मंगल नाम का भालू निकलकर भाग गया। इस दौरान जू कीपर और कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। लेकिन, सुबह करीब 9 बजे कर्मचारी केज के पास पहुंचे, तब केज खुला मिला और उसके अंदर से भालू गायब था। इसकी जानकारी मिलते ही मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। करीब तीन घंटे तक कर्मचारी कानन जू परिसर में भालू की तलाश करते रहे। लेकिन, भालू नहीं मिला। तब करीब 11 बजे कर्मचारियों ने इस घटना की जानकारी कानन जू के प्रभारी और अफसरों को दी।
चार घंटे बाद किया गया रेस्क्यू, अफसरों ने ली राहत की सांस
केज से भालू के बाहर निकलने की जानकारी मिलते ही वहां मौजूद कर्मचारी भी दहशत में आ गए। अपनी लापरवाही छिपाने के लिए कर्मचारियों ने तीन तीन घंटे तक इसकी जानकारी अफसरों को नहीं दी। जू परिसर में भालू की काफी तलाश की गई। लेकिन, भालू नहीं मिला। तब उन्हें लगा कि जू परिसर के पीछे लगे जाली तोड़कर गांव की तरफ भाग गया होगा। इसके बाद परेशान कर्मचारियों ने इस घटना की जानकारी अफसरों को दी।
परिसर के बाहर और अंदर दोनों तरफ तलाश में जुटे रहे कर्मचारी
भालू का रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग की टीम जू परिसर के पीछे गांव की तरफ खेत में भालू की तलाश करते रहे। वहीं, जू परिसर के अंदर भी कर्मचारियों की टीम भालू की तलाश में जुटे रहे। काफी मशक्कत के बाद कर्मचारियों ने भालू को जू परिसर में देखा, तब उन्होंने उसका रेस्क्यू किया और उसे दोबारा केज में डाला गया।
केज में नहीं लगा था लॉक: बताया जा रहा है कि भालू के केज से निकलने में कानन जू के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। कर्मचारियों ने भालू को सुबह देखा था। इसके बाद केज को बंद करना भूल गए और केज खुला रह गया। इसका फायदा उठाकर भालू बाहर निकल गया। कुछ देर बाद कर्मचारी जब वहां पहुंचे, तब केज से भालू गायब मिला।
जू कीपर समेत हैं 40 कर्मचारियों की फौज: कानन जू में भालू सहित अन्य वन्य प्राणियों की देखरेख और सुरक्षा के लिए जू कीपर समेत 40 कर्मचारियों की फौजू है। इसके बाद भी केज खुला छोड़कर कर्मचारियों ने बड़ी लापरवाही की है।
पर्यटकों के लिए बंद किया गया कानन जू: भालू के केज से बारह निकलने की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अफसरों ने जू घूमने पहुंचे पर्यटकों को अंदर प्रवेश नहीं देने के निर्देश दिए। इसके चलते करीब दो घंटे तक कानन जू में पर्यटकों का प्रवेश रोक दिया गया था। भालू को वापस केज में डालने के बाद जू को पर्यटकों के लिए खोला गया।
कानन जू में हैं आठ भालू, एक साल का है मंगल: वन विभाग के अफसरों ने बताया कि कानन जू में आठ भालू है, जिसमें मंगल भालू भी शामिल है। इस नन्हें भालू को करीब एक साल पहले मरवाही के जंगल से रेस्क्यू कर लाया गया था। अफसरों के मुताबिक भालू की उम्र करीब एक साल है।
पहले भी हो चुकी है लापरवाही, केज से निकल कर चेरी बाघिन पर बाघ ने किया था हमला
इससे पहले चार जून की रात कानन पेंडारी जू में भैरव बाघ ने चेरी बाघिन के केज में घुसकर हमला कर दिया था। आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत हो गई थी। इसकी जानकारी सुबह जू कीपर तब हुई, जब वे केज के पास पहुंचे तो चारों ओर खून फैला हुआ था। उस समय भी केज को खुला छोड़कर रखने की बात सामने आई थी। लेकिन, वन विभाग के अफसरों ने इस लापरवाही को दबा दिया।
बहुत ही सुन्दर जानकारी महोदय