Baloda Bajar Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में दोस्ती की अनोखी मिसाल देखने को मिली है। दोस्ती ऐसी की दोस्त के मरने के बाद भी युवक दोस्ती निभा रहा है। आज के समय में जहां लोग खुद की माता-पिता की देखभाल नहीं करते, कोई तो घर से भी भगा देता है। लेकिन बलौदाबाजार जिले से दोस्ती का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जान आप कहेंगे कि दोस्त हो तो ऐसा।
दरअसल जिले के नगर पंचायत पलारी के वार्ड 2 में रहने वाली 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की देखभाल उसके दिवंगत बेटे का मित्र अपनी सगी मां की तरह कर रहा है। पलारी की रहने वाली बुजुर्ग कामीन बाई वर्मा 75 वर्ष की है। कामीन बाई की 2 बेटे थे, जिनकी किसी बीमारी की वजह से युवावस्था में ही 2 साल पहले निधन हो गया। इस विप्पत्ति की घड़ी में उसके बेटे के मित्र होरी लाल देवांगन जो एक कपड़े की दुकान में काम करता है, उसने अपने दोस्त की बुजुर्ग मां की देखरेख करने का जिम्मा उठाया। वह रोज सुबह-शाम बुजुर्ग महिला के लिए अपने घर से खाना लाकर उसे खिलाता है और उसकी सभी जरूरतों का ख्याल रखता है। होरी लाल का कहना है कि अगर मेरी मां के साथ ऐसा होता तो मेरी मां की देखभाल कौन करता, यही सोचकर अब मैं ही इनका पुत्र हूं। इनका देखभाल करके मुझे खुशी होती है।
वहीं अगर सरकारी सहायता की बात करे तो बुजुर्ग महिला 30 वर्षों से एक झोपड़ी नुमा कच्चे मकान में रह रही है। नगर पंचायत में लगभग 3 वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाने के लिए आवेदन दे रही है, लेकिन अब तक मकान नहीं बना है। वृद्धा के घर बिजली कनेक्शन भी नहीं लगा है, जिससे वह अंधेरे में रहने को मजबूर है। वहीं बिजली विभाग ने वृद्धा की झोपड़ी से सटाकर ही हेवी ट्रांसफार्मर लगा दिया है। इससे उसके घर में कभी भी आग लगने का खतरा मंडरा रहा है।