Chhattisgarh: जाति प्रमाण पत्र के लिए अब तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब वार्डो में ही ये प्रक्रिया पूरी होगी। वार्ड में ही आवेदन लिये जाएंगे। वार्ड पार्षदों के माध्यम से जोन कार्यालयों के द्वारा इन्हें संग्रहित कर निगम मुख्यालय भेजा जाएगा। एमआईसी के द्वारा इन्हें पास किए जाने के बाद मुख्यालय से नए बनें प्रमाण पत्र जोन कार्यालयों को लौटाएं जाएंगे। वहां वार्ड पार्षद के कार्यालयों से लोग इन्हें ले सकते हैं। यानि इस प्रमाण पत्र के लिए न तो अब तहसील, न ही निगम के चक्कर काटने पड़ेंगे।
निगम मुख्यालय में बैठक में चर्चा: निगम मुख्यालय में सोमवार को हुई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति की बैठक में इस विषय पर प्रक्रियाएं तय की गई। एमआइसी सदस्य सुंदरलाल जोगी ने बताया कि राज्य सरकार ने ये अधिकार नगर निगमों को दिया है। केबिनेट की बैठक में इसका अनुमोदन हो चुका है। सरकार के द्वारा निगमों को आदेशित भी किया गया है।अब इसके बाद प्रक्रियाएं पूरी की गई है।
रायपुर निगम के हर जोन में एक शव वाहन की होगी व्यवस्था: इसके साथ ही इस बैठक में ये भी तय किया गया कि अब सभी 10 जोन में एक शव वाहन की व्यवस्था की जाएगी। ये निश्शुल्क होगा। इसके साथ ही मुक्तिधामों का भी उन्नयन किया जाएगा। सभी जोन में जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम भी किया जाएगा। वार्ड पार्षदों सहित जोन अधिकारियों को इसका प्रचार-प्रसार करने का दायित्व दिया गया
इसके लिए होर्डिंग लगाई जाएगी ताकि लोगों को जाति प्रमाण पत्र के सरलीकरण की जानकारी प्राप्त हो सके। बैठक में समिति के सदस्य नगर निगम जोन आठ अध्यक्ष धनश्याम छत्री, जोन सात अध्यक्ष मनीराम साहू, पार्षद धनेश राजा बंजारे, प्रकाश जगत, सामाजिक कार्यकर्ता शंकर चिंतल, राधेश्याम समेत कार्यपालन अभियंता और समिति के प्रभारी अधिकारी हरेंद्र कुमार साहू उपस्थित थे।
आरक्षण में पदोन्नति को लेकर चर्चा: बैठक में आरक्षण और आरक्षण में पदोन्नति को लेकर चर्चा की गई। पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा इस वर्ग के आरक्षण का प्रतिशत 16 से घटाकर 12 किया गया है। इसके विरुद्ध सामाजिक संस्था गुरु घासीदास साहित्य संस्कृति अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष केपी खांडे द्वारा न्यायालय में लगाए गए लंबित प्रकरण के संबंध में चर्चा की गई। इस विषय पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन सौंपने की बातें कही गई।
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