chhattisgarh me sarad band: शराबबंदी कैसे लागू हो और किस तरह इसका मॉड्यूल तैयार किया जाए इसे लेकर स्थिति का जायजा लेने छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा बिहार जाएंगे । आबकारी मंत्री गुजरात भी जाएंगे और वहां किस तरीके से प्रशासन शराबबंदी पर काम कर रहा है इसका अध्ययन करेंगे। गुरुवार को उन्होंने इस बात की जानकारी मीडिया से चर्चा के दौरान दी । उन्होंने कहा कि इन राज्यों की पॉलिसीज को समझकर छत्तीसगढ़ में शराबबंदी लागू की जा सकती है।
जहा शाराब बंदी हुई वहा आदिवासी जेल: मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शराबबंदी लोगों के विचार और उनके सुझाव के साथ लागू की जाएगी । छत्तीसगढ़ आसपास 7 राज्यों से घिरा हुआ है। शराबबंदी होने पर इसके असर को भी समझना जरूरी होगा। जहां शराबबंदी हुई वहां बहुत से आदिवासी आज जेल में है तो हर स्थिति को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा।
बस्तर में शराबबंदी लागू न हो: बस्तर को लेकर कवासी लखमा ने कहा कि वहां शराबबंदी शायद लागू न हो, क्योंकि आदिवासी संस्कृति में लोग दुख-सुख त्यौहार बच्चे के जन्म जैसे मौकों पर शराब का सेवन करते हैं। वह पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है ऐसे में वहां जो ग्राम पंचायत चाहेगी वही होगा ना कि कोई राजनीतिक दल या राज्य सरकार।
शराब के पैसे से राज्य का विकास होता है: शराब की कमाई को लेकर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इन पैसों से छत्तीसगढ़ में रोजगार, नौकरी के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। जरूरतमंद लोगों को पेंशन दी जा रही है, सड़कों को बनाने का काम हो रहा है । विकास के काम हो रहे हैं यह अच्छे काम है ऐसे में किसी का पेट दर्द नहीं होना चाहिए।