Electric vehicle policy: छत्त्तीसगढ़ में सरकार ने गुरुवार को प्रदेश की पहली इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए सरकार ने 2027 तक कुल नए पंजीयन का 15% वाहनों को इलेक्ट्रिक कर लेने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उत्पादकों और विक्रेताओं को करों में रियायत देने की व्यवस्था हुई है। वहीं ऐसे वाहन खरीदने वालों को रोड टैक्स में छूट देने की भी घोषणा की गई है। सरकार चाहती है कि आने वाले 5 सालों में राज्य में 4 लाख इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर दौड़ने लगे। अभी इनकी संख्या हजारों में ही है।
छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 में कमर्शियल एवं नॉन कमर्शियल दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देना शामिल है । इसके तहत राज्य में दो पहिया, तिपहिया, चार पहिया, माल वाहक, यात्री वाहन एवं अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर विभिन्न छूट एवं सुविधाएं मिलेंगी। राज्य सरकार ने नीति अवधि के दौरान राज्य में बेची और पंजीकृत इलेक्ट्रिक बसों और इलेक्ट्रिक माल गाड़ियों की बिक्री पर 100% SGST और पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति करने की घोषणा की है। सरकार ने नीति अवधि के दौरान राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए SGST की प्रतिपूर्ति करने की भी घोषणा की है। राज्य सरकार स्विचिंग/स्वैपिंग स्टेशनों में उपयोग की जाने वाली बैटरी की खरीद के लिए ऊर्जा ऑपरेटरों को 100% SGST प्रतिपूर्ति भी प्रदान करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ताओं के लिए ऑन-रोड सहायता प्रदान करने के लिए मोबाइल चार्जिंग वैन के प्रावधान का पता लगाया जाएगा ताकि वे कम समय में निकटतम चार्जिंग स्टेशन तक पहुंच सकें। सरकार की कोशिश होगी कि 2027 तक चार लाख इलेक्ट्रिक वाहन प्रदेश में आ जाएं।
इलेक्ट्रिक वाहन-EV पार्क की भी व्यवस्था होगी: नई नीति के तहत राज्य सरकार प्लग एंड प्ले आंतरिक बुनियादी ढांचे, सामान्य सुविधाओं और आवश्यक बाहरी बुनियादी ढांचे के साथ इलेक्ट्रिक वाहन पार्क विकसित करेगी। इसके लिए 500 से एक हजार एकड़ भूमि आवंटित होगा। यह औद्योगिक पार्क EV इको-सिस्टम के निर्माताओं को आकर्षित करेगा। EV पार्क में स्टार्टअप के लिए एक इन्क्यूबेशन सेंटर की भी योजना बनाई जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन, उसकी बैटरी, उसके कल-पूर्जे और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने वाली कंपनियों को पूंजीगत सब्सिडी के साथ प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
EV नीति में इस तरह की छूट का प्रावधान: रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क माफ, EV के निर्माण के लिए SGST प्रतिपूर्ति, EV चार्जिंग के लिए बिजली शुल्क। इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल और उसके कलपुर्जों, ईवी बैटरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने वाली कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के साथ इंसेंटिव भी दिया जाएगा। EV निर्माण उद्यम को विकसित करने के लिए राज्य सरकार प्लांट और मशीनरी की लागत का 25% अनुदान देगी।रोजगार सृजन पर जोरइस नीति के तहत ईवी इको-सिस्टम में चार्जिंग स्टेशनों और स्वैपेबल बैटरी स्टेशनों के व्यापक नेटवर्क, रोजगार सृजन के साथ-साथ नौकरी प्रशिक्षण के लिए कौशल केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति एवं चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना को बढ़ावा देने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
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2027 तक रोड टैक्स में भी छूट मिलेगी: इलेक्ट्रिक वाहन नीति के शुरू होने की तारीख से पहले 2 वर्षों के दौरान खरीदे गए सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% रोड टैक्स छूट होगी। उसके अगले 2 साल के दौरान यह छूट 50% और उसके बाद एक साल के दौरान 25% होगी। यह नीति 2027 तक चलनी है।बैटरी के साथ बेचे और पंजीकृत वाहन 100% मूल प्रोत्साहन के पात्र होंगे। बिना बैटरी के बेचे गए वाहनों के लिए मूल मांग प्रोत्साहन राशि का 50% वाहन OEM- original equipment manufacturer द्वारा प्राप्त किया जाएगा, जिसे अंतिम ग्राहक को हस्तांतरित करना अनिवार्य होगा।
चार्जिंग पॉइंट भी नया कारोबार बनेगा: इस नीति के तहत पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये सार्वजनिक और निजी ऑपरेटरों को आमंत्रित किया जाना है। उन्हें राज्य के सभी शहरों में नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे में चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए न्यूनतम किराये पर जमीन दी जाएगी। चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिये स्थानों की सूची राज्य EV विकास निगम तैयार करेगा। हाईवे पर स्थित पेट्रोल पंपों (रीफ्यूलिंग स्टेशन) को फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। नगर निगम फ्लाईओवर के नीचे दो पहिया वाहनों के लिये मुफ्त या प्राथमिकता वाली पार्किंग के साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेंगे।सरकारी कार्यालयों के पार्किंग क्षेत्रों में भी चार्जिंग प्वाईंट बनाये जाएंगे।
आवासीय नीति में भी शामिल होगा चार्जिंग पॉइंट: कहा गया है, आवासीय और गैर आवासीय भवन मालिकों को चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। राज्य शासन द्वारा चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने वाले इच्छुक लोग अनुदान के साथ निजी चार्जिंग पॉइंट खरीद सकेंगे। इसको लगाने में हुए खर्च की प्रतिपूर्ति बिजली बिल के माध्यम से की जाएगी। नीति लागू होने के बाद बनने वाले हाउसिंग बोर्ड के भवनों, आवासीय समितियों, शॉपिंग मॉल और वाणिज्यिक भवनों में इलैक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग संबंधी प्रावधान आवासीय नीति में शामिल किये जाएंगे।
जाने कुछ अनोखी बाते: चंडी माता मंदिर जिला महासमुंद, विकासखंड बागबाहरा के घुंचपाली गाँव में स्थित है। जहाँ सिर्फ तांत्रिक और अघोरियों का बस आना-जाना हुआ करता था