किसान के घर जन्मा तीन आंखों वाला बछड़ा, लोग शिव का अवतार बताकर कर रहें पूजा, पशु चिकित्सक बोले- चमत्कार नहीं हार्मोनल डिसॉर्डर

 

राजनांदगांव छत्तीसगढ़: राजनांदगांव में एक गाय का बछड़ा तीन आंखों की वजह से लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। बछड़े को देखने के लिए गांव ही नहीं दूरदराज से भी लोग पहुंच रहे हैं। लोग उसके ऊपर फूल-माला और रुपए चढ़ाकर उसकी पूजा कर रहे हैं। लोग इसे जहां भगवान भोलेनाथ का स्वरूप मान रहे हैं। वहीं पशु चिकित्सकों का कहना है कि यह भ्रूण के सही तरीके से डेवलप न करने से होता है।

राजनांदगांव जिले के गंडई क्षेत्र के ग्राम पंचायत बुन्देली के आश्रित ग्राम लोधी नवागांव निवासी हेमंत चंदेल के यहां दो दिन पहले तीन आंखों वाला बछड़े ने जन्म लिया है। हेमंत खेती के अलावा गोपालन का भी कार्य करते हैं। उनके पास काफी संख्या में अलग-अलग नस्ल की गाय हैं। मकर संक्रांति के दिन शाम 7 बजे उनकी एक जरसी गाय ने एक बछड़ा को जन्म दिया है।

इस बछड़े के दो की जगह तीन आंखें हैं। बछड़े के नाक के ऊपर माथे पर एक आंख नुमा आकृति बनी है, जिसे लोग आंख बता रहे हैं। इतना ही नहीं बछड़े की नाक में चार छिद्र हैं। उसकी पूंछ जटानुमा है। हेमंत चंदेल इसे दैवी आशीर्वाद बता रहे हैं। उनका कहना है कि बछड़े ने भगवान के रूप से प्रेरित होकर जन्म लिया है। वहीं कुछ लोग इसे भगवान शंकर का रूप बता रहे हैं।

पूजा पाठ कर रहे लोग: यह खबर तेजी से क्षेत्र में फैल गई है। कोई इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर देख रहा है तो कोई विज्ञान का चमत्कार बता रहा है। इस तीन आंखों वाले बछड़ा को देखने गांव से ही नहीं बल्कि दूर दराज के क्षेत्रों से भी पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस की घटना उन्होंने पहली बार देखी और सुनी है। अधिकतर लोग इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर बछड़े को फूल फल पैसा अर्पण कर रहे हैं।

चमत्कार नहीं भ्रूण विकसित न होने के चलते हुआ ऐसा: पशु चिकित्सक डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह कोई दैवी स्वरूप या वरदान नहीं है। ऐसा भ्रूण के सही तरीके से विकसित न होने से होता है। डॉ. सिंह का कहना है कि जब भ्रूण गर्भ में एक निश्चित समय के दौरान सही तरीके से विकसित होता है तो एक स्वस्थ बच्चे का स्वरूप लेता है। जब भ्रूण किसी कमी की वजह से सही तरीके से विकसित नहीं हो पाता है तो वह इस तरह अजीब स्वरूप को ले लेता है। कई बार तो बच्चे के कुछ अंग गायब होते हैं तो कई बार अंग अतिरिक्त रूप से डेवलप हो जाता है। किसान हेमंत चंदेल के यहां जो बछड़ा पैदा हुआ है उसका यह स्वरूप हार्मोनल डिसॉर्डर की वजह से हुआ है।

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