इंद्रावती वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ :इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे प्रसिद्ध एवं विख्यात पर्यटन स्थलों में से है, जहां की रोमांचक सैर का आनंद लेने के लिए यहां दूर दूर से पर्यटक यहां आते है। छत्तीसगढ़ राज्य भारत का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण राज्य है, जो की अपनी वन तथा खनिज संपदा के लिए पूरे देश में विख्यात है। इस राज्य का गठन एक नवंबर सन 2000 में मध्य प्रदेश से पृथक कर के किया गया था। इतिहास की ओर प्रकाश डालें तो यह पता चलता है कि जिसे आज छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है वह क्षेत्र कभी दक्षिण कोशल का हिस्सा हुआ करता था। वाल्मीकि रामायण में भी इस क्षेत्र के बीहड़ों, जंगलों एवं महानदी का उल्लेख किया गया है। भारतीय पौराणिक इतिहास की काफ़ी अधिक घटनाएं इस क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। यह राज्य प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से काफी महत्व रखता है। कला संस्कृति के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ राज्य का कोई जवाब नहीं। दूर दूर से पर्यटक यहां के वन्यजीव पहाड़ियों, अभयारण्य एवं जलप्रपातों तथा प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए आया करते हैं। इस लेख में हम आज आपको छत्तीसगढ़ राज्य के खूबसूरत इंद्रावती वन्यजीव राष्ट्रीय अभयारण्य के बारे में बताने जा रहे हैं, आइए जानते है कि यह अभयारण्य आपको किस प्रकार से आनंदित कर सकता है।
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यानका इतिहास : इंद्रावती छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। जिसका नाम निकटतम स्थित इंद्रावती नदी के नाम के कारण पडा हुआ है। यह धरती पर पाने जाने वाली दुर्लभ जंगली भैंस की आखिरी आबादी में से भी एक है। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य की एक बेहतरीन एवं सबसे विख्यात ( प्रसिद्ध ) वन्यजीव उद्यान हैं।
Waterfall near indravati nation park
यह छत्तीसगढ़ राज्य की उदांति सीतानदी के साथ दो परियोजना बाघ स्थलों में से भी एक है, इंद्रावती नैशनल पार्क छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में स्थित है। साथ ही यह पार्क इंद्रावती नदी से अपना नाम प्राप्त करती है, जो पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर बहती है, एवं महाराष्ट्र के साथ आरक्षित की उत्तरी सीमा बनाती है। लगभग 2799.08 वर्ग km. के कुल क्षेत्रफल के साथ ही, सन 1981 में इंद्रावती ने राष्ट्रीय उद्यान की एवं सन 1983 में भारत के प्रसिद्ध टाइगर प्रोजेक्ट के तहत बाघ रिजर्व को भारत की एक सबसे विख्यात बाघ भंडार में से एक बनाने के लिए प्राप्त किया। यह पार्क अपनी अनूठी एवं विविध वन्यजीव तथा पक्षी प्रजातियों के लिए विख्यात है, जिनमे से कुछ लुप्त होने की कगार पर है, प्रजातियों जैसे पहाड़ी पक्षी एवं जंगली भैंस भी शामिल हैं।
Sarisrip सरीसृप : मॉनिटर छिपकली, मगरमच्छ, आम क्रेट, भारतीय गिरगिट, इंडियन रॉक पायथन, रसेल के वाइपर कोबरा आदि।
Pakshi पक्षी :हिल मैना, चित्तीदार उल्लू, मोर, रैकेट-पूंछ वाले ड्रोंगो, तोते, टेटर, स्टेपी ईगल्स, रेड स्पर फॉल, फाटक आदि।
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान आने के लिए सही समय : यह छत्तीसगढ़ राज्य का अत्यन्त ही प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है, जिसके कारण यहां पर पर्यटकों का आगमन लगभग साल भर लगा ही रहता है। ग्रीष्मकाल के दौरान अर्थात् गर्मी के दिनो मे यहां काफी गर्मी भी रहती है, इसलिए यहां अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच में आप आ सकते हैं, इस दौरान यहां का मौसम भी काफी अनुकूल एवं अच्छी बनी रहती है, जिससे आप इस बीच यहां आकर अपने आनंद को दुगना कर सकते हैं। हरे भरे पर्याप्त वनस्पतियों की प्राकृतिक सुंदरता एवं अद्वितीय वन्य जीवों के साथ खूबसूरत पहाड़ी श्रृंखलाएं ( चोटिया) इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाती हैं।
जंगली जिव जंतु इंदिरा गाँधी राष्ट्रिय उद्यान
इंद्रवती राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचें:
सड़क मार्ग द्वारा : पंडरी बस स्टैंड रायपुर शहर से लगभग 480 km. हैं।
रेल मार्ग द्वारा : दंतेवाड़ा के मुख्य रेल्वे स्टेशन से क़रीब 90 km. हैं।
हवाई मार्ग द्वारा : स्वामी विवेकानन्द अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जो की रायपुर जिसे में स्थित है से करीब 480 km. दूरी पर है।